
आगरा: थाने में महिला से मारपीट का वीडियो वायरल, पुलिस पर लगे गंभीर आरोप – जांच शुरू
आगरा। उत्तर प्रदेश के आगरा जनपद में एक थाने के अंदर महिला से हुई कथित मारपीट का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होते ही हड़कंप मच गया है। वीडियो में महिला पुलिसकर्मियों और एक महिला के बीच झगड़ा और हाथापाई साफ दिखाई दे रही है। महिला का दावा है कि उसे थाने में बंद करके पीटा गया और कपड़े तक फाड़े गए। वहीं पुलिस का कहना है कि महिला ने पहले थाना प्रभारी और SI के साथ अभद्रता की और महिला पुलिसकर्मियों पर हमला किया, जिसके चलते शांति भंग की कार्रवाई की गई थी। अब यह मामला आम जनता के बीच चर्चा का विषय बन चुका है और पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े हो गए हैं।
चोरी के मुकदमे से शुरू हुआ विवाद
पुलिस सूत्रों के अनुसार, संबंधित महिला ने इसी साल जनवरी 2025 में चोरी की एक एफआईआर दर्ज कराई थी। उस मुकदमे में पुलिस जांच पूरी कर चुकी थी और उसमें ‘एफआर’ (फाइनल रिपोर्ट) लगा दी गई थी। महिला इसी मामले से जुड़ी जानकारी लेने थाने पहुंची थी। पुलिस का दावा है कि थाने में पूछताछ के दौरान महिला ने हंगामा किया, थाना प्रभारी से अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया और वहां मौजूद सब-इंस्पेक्टर (SI) से भी हाथापाई कर दी।
पुलिस का कहना है कि महिला ने महिला पुलिसकर्मियों से भी धक्का-मुक्की और मारपीट की। स्थिति बिगड़ने पर पुलिस को शांति भंग की कार्रवाई करनी पड़ी और महिला को थाने में ही रोका गया।
महिला के गंभीर आरोप
लेकिन महिला का पक्ष बिल्कुल अलग है। वायरल वीडियो जारी कर उसने आरोप लगाया है कि पुलिस ने उसे थाने में बंद कर बुरी तरह पीटा। उसका कहना है कि पुलिसकर्मियों ने न केवल उस पर हाथ उठाया बल्कि कपड़े भी फाड़ दिए। महिला का आरोप है कि जिस चोरी के मुकदमे में उसने शिकायत की थी, उसमें पुलिस ने आरोपियों को बचाने के लिए जानबूझकर ‘एफआर’ लगा दी और जब उसने इसका विरोध किया तो उसे ही फंसाने की कोशिश की गई।
महिला का कहना है कि उसने कई बार पुलिस से न्याय की गुहार लगाई लेकिन उसे धमकाकर चुप कराने की कोशिश की गई। अब उसने मजबूर होकर सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल किया ताकि उसकी आवाज़ जनता और अधिकारियों तक पहुंच सके।
दो दिन बाद वायरल हुआ वीडियो
पुलिस द्वारा की गई कार्रवाई के दो दिन बाद महिला ने वीडियो सोशल मीडिया पर पोस्ट किया। वीडियो में महिला पुलिसकर्मियों से उसकी हाथापाई दिखाई दे रही है। जैसे ही वीडियो वायरल हुआ, स्थानीय लोगों में नाराजगी फैल गई। कई लोग पुलिस पर सवाल उठा रहे हैं कि आखिर थाने के भीतर ऐसी नौबत क्यों आई कि महिला और पुलिसकर्मियों में हाथापाई करनी पड़ी।
सोशल मीडिया पर गरमागरमी
वीडियो वायरल होते ही ट्विटर, फेसबुक और व्हाट्सएप ग्रुप्स पर यह मुद्दा तेजी से फैल गया। कुछ लोग पुलिस पर महिला की आवाज़ दबाने का आरोप लगा रहे हैं तो कुछ का कहना है कि महिला ने खुद थाने में अभद्रता की और पुलिस को मजबूरन कार्रवाई करनी पड़ी। सोशल मीडिया पर दोनों पक्षों को लेकर तीखी बहस छिड़ गई है।
कानूनी पहलू
कानूनी जानकारों का कहना है कि यदि महिला के आरोप सही हैं तो यह मामला मानवाधिकार उल्लंघन और पुलिस अत्याचार की श्रेणी में आ सकता है। वहीं यदि पुलिस का पक्ष सही है तो महिला पर शांति भंग, सरकारी कार्य में बाधा और पुलिसकर्मियों से मारपीट जैसी धाराओं में कार्रवाई हो सकती है। फिलहाल जांच के बाद ही यह तय होगा कि कौन दोषी है।
अधिकारियों ने दिए जांच के आदेश
वीडियो वायरल होने के बाद आगरा पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों ने मामले को गंभीरता से लिया है। एक अधिकारी ने बताया कि “मामले की जांच कराई जा रही है। वीडियो की सत्यता और पूरे घटनाक्रम की समीक्षा की जाएगी। जो भी दोषी पाया जाएगा, उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी, चाहे वह पुलिसकर्मी हो या फिर महिला।”
जनता और सामाजिक कार्यकर्ताओं की प्रतिक्रिया
स्थानीय सामाजिक कार्यकर्ताओं और महिला संगठनों ने इस प्रकरण पर चिंता जताई है। उनका कहना है कि अगर महिला के आरोप सच हैं तो यह बेहद शर्मनाक है कि थाने में न्याय दिलाने के बजाय महिला को ही प्रताड़ित किया गया। वहीं कुछ लोगों का कहना है कि थाने में जाकर पुलिसकर्मियों से मारपीट करना भी गलत है और इसकी जांच निष्पक्ष होनी चाहिए।
बड़ा सवाल – जिम्मेदार कौन?
यह पूरा प्रकरण कई सवाल खड़े करता है। क्या पुलिस ने महिला की आवाज़ दबाने की कोशिश की? या फिर महिला ने थाने में हंगामा करके पुलिस को उकसाया? सच जो भी हो, लेकिन इस घटना ने पुलिस-जनता के भरोसे को गहरी चोट पहुंचाई है। जब थाने जैसी जगह, जहां नागरिक न्याय की उम्मीद लेकर जाते हैं, वहां ही विवाद और मारपीट होने लगे तो आम आदमी का विश्वास डगमगाना स्वाभाविक है।
✍️ रिपोर्ट : एलिक सिंह
संपादक – समृद्ध भारत समाचार / वंदे भारत लाइव टीवी न्यूज़
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