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मुजफ्फरनगर में गैंगरेप पीड़िता के परिजनों के समर्थन में सड़क पर उतरे लोग, पुलिस ने किया लाठीचार्ज

मामला बढ़ता देख पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज कर दिया, जिससे भगदड़ मच गई। कई लोग चोटिल हो गए और दर्जनों को हिरासत में ले लिया गया।

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मुजफ्फरनगर में गैंगरेप पीड़िता के परिजनों के समर्थन में सड़क पर उतरे लोग, पुलिस ने किया लाठीचार्ज

मुजफ्फरनगर। उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जिले में किशोरी से गैंगरेप की घटना के बाद हालात तनावपूर्ण हो गए। घटना से आक्रोशित परिजन और ग्रामीण न्याय की मांग को लेकर सड़क पर उतर आए। भीड़ ने थानेदार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि उन्होंने FIR में पीड़िता द्वारा बताए गए सभी आरोपियों के नाम दर्ज करने से साफ इंकार कर दिया। इससे गुस्साए सैकड़ों लोग परिजनों के साथ सड़क पर बैठकर जाम लगाने लगे। मामला बढ़ता देख पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज कर दिया, जिससे भगदड़ मच गई। कई लोग चोटिल हो गए और दर्जनों को हिरासत में ले लिया गया।

प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, पीड़िता के परिवार ने FIR दर्ज कराने के लिए थाने का रुख किया था। उन्होंने पुलिस को बताया कि घटना में एक से अधिक लोग शामिल थे और आरोपियों के नाम साफ तौर पर बताए। लेकिन थानेदार ने कथित रूप से केस में धारा और नाम बढ़ाने से इंकार कर दिया। परिजनों ने आरोप लगाया कि पुलिस कुछ आरोपियों को बचाने की कोशिश कर रही है। इसी के चलते लोग आक्रोशित होकर सड़क पर बैठ गए और न्याय की मांग करने लगे।

जैसे-जैसे प्रदर्शन की खबर फैली, बड़ी संख्या में ग्रामीण और सामाजिक संगठनों के लोग मौके पर जुट गए। देखते ही देखते सड़क पूरी तरह जाम हो गई और आवागमन रुक गया। मौके पर मौजूद लोगों का कहना था कि जब तक FIR में सभी आरोपियों के नाम नहीं जोड़े जाएंगे, वे धरना स्थल से नहीं हटेंगे। प्रदर्शनकारी नारेबाजी कर रहे थे और पुलिस प्रशासन पर पक्षपात का आरोप लगा रहे थे।

स्थिति बिगड़ती देख पुलिस बल मौके पर पहुंचा और प्रदर्शनकारियों को हटाने की कोशिश की। लेकिन लोग सड़क से उठने को तैयार नहीं हुए। आखिरकार पुलिस ने लाठीचार्ज किया। अचानक हुए लाठीचार्ज से भगदड़ मच गई। महिलाएं, बुजुर्ग और युवा सभी इधर-उधर भागने लगे। कई लोगों को चोटें आईं। वहीं पुलिस ने कई प्रदर्शनकारियों को हिरासत में ले लिया।

इस घटना से पूरे इलाके में तनाव फैल गया। स्थानीय लोगों का कहना है कि पीड़िता पहले से ही सदमे में है और अब पुलिस की ऐसी कार्रवाई से परिजनों का हौसला और टूट गया है। ग्रामीणों का आरोप है कि पुलिस न्याय दिलाने की जगह परिवार को दबाने की कोशिश कर रही है।

वहीं, पुलिस अधिकारियों का कहना है कि कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए बल प्रयोग करना पड़ा। एक अधिकारी ने कहा – “प्रदर्शनकारियों ने सड़क जाम कर दिया था और कई बार समझाने के बावजूद नहीं हट रहे थे। इससे आम जनता को दिक्कत हो रही थी। भीड़ को तितर-बितर करने के लिए हल्का बल प्रयोग किया गया और कुछ लोगों को हिरासत में लिया गया है। पीड़िता को न्याय दिलाना हमारी प्राथमिकता है।”

परिजनों का दर्द अलग ही है। पीड़िता के पिता ने मीडिया से कहा – “मेरी बेटी के साथ दरिंदगी हुई है। उसने खुद बताया कि कई लोग शामिल थे, लेकिन पुलिस जानबूझकर केस कमजोर करना चाहती है। हम FIR में सभी नाम दर्ज कराना चाहते हैं, तभी हमें न्याय मिलेगा। लेकिन अब हमें सड़कों पर उतरना पड़ा है। पुलिस हम पर लाठी चला रही है, जबकि हमें अपराधियों पर कार्रवाई चाहिए।”

गांव के कुछ बुजुर्गों ने भी इस पर नाराज़गी जताई। एक स्थानीय ग्रामीण ने कहा – “जब पीड़ित को थाने से इंसाफ नहीं मिलेगा तो लोग सड़क पर ही बैठेंगे। पुलिस को चाहिए कि परिवार की बात सुने, FIR में सभी नाम लिखे और आरोपियों को गिरफ्तार करे। लेकिन यहां तो उल्टा जनता पर लाठियां बरसाई जा रही हैं।”

इस पूरे घटनाक्रम से इलाके में तनाव का माहौल है। पुलिस ने स्थिति को नियंत्रण में करने के लिए अतिरिक्त बल तैनात कर दिया है। प्रशासनिक अधिकारी भी मौके पर पहुंच गए और माहौल शांत कराने की कोशिश कर रहे हैं।

फिलहाल पुलिस का कहना है कि मामले की जांच चल रही है और सबूतों के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। लेकिन प्रदर्शन और लाठीचार्ज ने पूरे जिले में बहस छेड़ दी है कि क्या पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने में पुलिस वास्तव में गंभीर है या फिर आरोपियों को बचाने का प्रयास हो रहा है।

रिपोर्ट : एलिक सिंह
संपादक – समृद्ध भारत समाचार / वंदे भारत लाइव टीवी न्यूज़
📍 उत्तर प्रदेश महासचिव – भारतीय पत्रकार अधिकार परिषद
📞 +91 82175 54083

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