कुशीनगर। अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश / सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण शैलेन्द्र मणि त्रिपाठी द्वारा जिला कारागार देवरिया का निरीक्षण किया गया। निरीक्षण के दौरान कारागार के बैरकों, पाकशाला, चिकित्सालय व महिला बैरक का निरीक्षण कर बंदियों के भोजन, साफ-सफाई, चिकित्सा, सुरक्षा तथा उनको दी जाने वाली विधिक सहायता के बारे में जानकारी ली एवं जेल अधीक्षक को निर्देशित किया गया कि जेल मेन्यू के अनुसार भोजन, नाश्ता आदि दिया जाय। जेल में निरूद्ध ऐसे बन्दी जिनकी उम्र 70 वर्ष या उससे अधीक हो चुकी है, तथा ऐसे बन्दी जो गंभीर बिमारी से ग्रसीत हैं उनके रिहाई के सम्बन्ध में आवश्यक दिशा-निर्देश दिये। जेल में निरूद्ध बंदियों से उनके समस्याओं के बारे में पूछने पर बंदियों द्वारा कोई समस्या नही बताया गया। अपर जिला जज/सचिव द्वारा बताया गया कि अगर किसी बन्दी की पैरवी हेतु उनके अधिवक्ता नहीं है तो वह जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, कुशीनगर द्वारा सरकारी खर्चे पर अधिवक्ता ले सकता है। निरीक्षण के दौरान विचाराधीन बंदियों से मिला गया एवं जो बन्दी रिहाई के पात्र है उनको रिहा करने हेतु आवश्यक कार्यवाही की गयी। बन्दियों से मिलकर उनके टिकट का अवलोकन कर मुकदमें की स्थिति को जाना गया। कारागार में स्थित लीगल एड क्लिनिक का निरीक्षण किया गया। लीगल एड क्लिनिक में कार्यरत जेल पी एल वी को निर्देशित किया गया कि जेल में निरूद्ध बंदियों को विधिक सहायता उपलब्ध कराए एवं किसी बन्दी को निःशुल्क अधिवक्ता की आवश्यकता हो, जेल अपील कराना हो या अन्य किसी प्रकार की लीगल एड की आवश्यकता हो उनके प्रार्थना- पत्र लिखकर जरिए जेल अधीक्षक, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, कुशीनगर को प्रेषित करें। जेल निरीक्षण के समय डिप्टी लीगल एड डिफेन्स काउन्सिल प्रवीण कुमार दूबे, जेल विजिटर लॉयर शुभकरन सिंह भी उपस्थित रहे।
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