A2Z सभी खबर सभी जिले कीअन्य खबरेउत्तर प्रदेशताज़ा खबर

सहारनपुर, 10 फरवरी 2025 – सहारनपुर जिले के छुटमलपुर और मोहोंड रेंज के अंतर्गत मुज्जफराबाद गांव में लकड़ी ठेकेदारों द्वारा हरे आम के पेड़ों की अवैध कटाई का गंभीर मामला सामने आया है।

सहारनपुर: वन विभाग की मिलीभगत से पेड़ों की अवैध कटाई का बड़ा मामला उजागर, ठेकेदारों के हौसले बुलंद

सहारनपुर: वन विभाग की मिलीभगत से पेड़ों की अवैध कटाई का बड़ा मामला उजागर, ठेकेदारों के हौसले बुलंद

सहारनपुर, 10 फरवरी 2025 – सहारनपुर जिले के छुटमलपुर और मोहोंड रेंज के अंतर्गत मुज्जफराबाद गांव में लकड़ी ठेकेदारों द्वारा हरे आम के पेड़ों की अवैध कटाई का गंभीर मामला सामने आया है। यह घटना नियामतपुर रोड पर घटी, जहां ठेकेदारों ने बिना वन विभाग की अनुमति के पेड़ों पर कुल्हाड़ा चलाया। इस घटना ने वन विभाग और स्थानीय प्रशासन की कार्यशैली पर गंभीर सवाल उठाए हैं।
नियामतपुर रोड पर अवैध कटाई

सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार, ठेकेदारों ने न सिर्फ पेड़ों की अवैध कटाई की, बल्कि इन पेड़ों को काटने के लिए कोई भी जरूरी औपचारिकताएं पूरी नहीं कीं। वन विभाग की अनुमति के बिना और बिना किसी जरूरी जानकारी के ये ठेकेदार आम के पेड़ों की कटाई करते रहे, जो पर्यावरण और स्थानीय जैव विविधता के लिए गंभीर खतरे की बात है।
पिछली घटनाएं और वन विभाग की चुप्पी

यह घटना कोई पहली बार नहीं है। इससे पहले औरंगाबाद गांव में भी ऐसी ही एक घटना सामने आई थी, जिसमें वन विभाग ने कुछ ठेकेदारों पर कार्रवाई की थी। हालांकि, इस बार ठेकेदारों के हौसले इतने बुलंद हो गए हैं कि वे न तो पुलिस का डर मानते हैं, न ही वन विभाग के नियमों का कोई सम्मान करते हैं।
वन विभाग की मिलीभगत पर सवाल

वन विभाग के नियमों के अनुसार, किसी भी पेड़ को काटने से पहले संबंधित विभाग से अनुमति प्राप्त करना अनिवार्य है। इसके अलावा, पेड़ की प्रजाति, उम्र, आकार और कटाई के कारणों के बारे में पूरी जानकारी देना आवश्यक है। लेकिन इस मामले में यह सभी नियम उल्लंघन किए गए हैं, और यह भी आरोप लग रहे हैं कि वन विभाग की मिलीभगत के कारण ही ठेकेदारों को अवैध गतिविधियों को अंजाम देने का मौका मिल रहा है।
स्थानीय निवासियों का विरोध

स्थानीय निवासियों और पर्यावरण प्रेमियों ने इस घटना की कड़ी निंदा की है। उनका आरोप है कि विभागीय भ्रष्टाचार के कारण ही ठेकेदारों को इस तरह की अवैध गतिविधियां करने की छूट मिल रही है। उनका कहना है कि यह सिर्फ एक-दो पेड़ों की कटाई नहीं, बल्कि एक बड़ा सिंडिकेट काम कर रहा है, जो लगातार जंगलों और बागों को नुकसान पहुंचा रहा है।
क्या होगी विभाग की अगली कार्रवाई?

अब सवाल यह है कि क्या वन विभाग इस मामले में कोई ठोस कार्रवाई करेगा या फिर यह सिंडिकेट अपने प्रभाव का इस्तेमाल करते हुए बच जाएगा। क्या विभाग इस मामले को पूरी गंभीरता से सुलझाएगा, और क्या इस प्रकार की अवैध गतिविधियों को रोकने के लिए कठोर कदम उठाए जाएंगे?

यह मामला पर्यावरणीय नुकसान और विभागीय भ्रष्टाचार का एक बड़ा उदाहरण है। अब देखना यह होगा कि प्रशासन इसे रोकने के लिए किस तरह की कार्रवाई करता है और क्या ठेकेदारों को जल्द से जल्द गिरफ्तार किया जाएगा।                                                                                                                                                                                                                                         📞 खबर, विज्ञप्ति और विज्ञापन के लिए संपर्क करें:
📞 एलिक सिंह, संपादक, वंदे भारत लाइव टीवी न्यूज़
📞 8217554083

Back to top button
error: Content is protected !!