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मुरादाबाद में राजमिस्त्री और मजदूरों ने दरोगा को मार डाला: चेन अंगूठी लूटकर छतसे धक्का दिया, फिर बल्लियों से पीट-पीटकरमार डाला;हादसे की कहानी सुनाई

मुरादाबाद में एक सेवानिवृत्त दरोगा की हत्या कर दीगई। हत्या करने वाले रिटायर्ड दरोगा का मकान बनारहे राज मिस्त्री और मजटूर ही निकले। इनमें से एकमजदूर कामकाज के दौरान बार-बार दरोगा की डांट इसकदर खफा था कि मरने के बाद भी दरोगा पर बल्लियांबरसाता रहा। पुलिस ने वारदात में शामिल 3 लोगों कोहिरासत में लिया है। जल्द इस घटना का पुलिस खुलासाकरेगी।

ये वारदात 19 जनवरी को मझोला थाना क्षेत्र में लाकड़ीबाईपास एरिया में हुई। 2 महीना पहले ही सहारनपुरसे सेवानिवृत्त हुए दरोगा अतेंद्र सिंह मुरादाबाद के बुद्धिविहार में परिवार के साथ रहते थे। दरोगा ने अपनी जमापूंजी से लाकड़ी बाईपास इंडस्ट्रियिल एरिया में एक प्लॉटखरीदा था। जिस पर वह रेंट पर देने के लिए इन दिनोंहॉल का निर्माण करा रहे थे।19 जनवरी को इस बिल्डिंग का निर्माण कर रहेराजमिस्त्री ने दरोगा के बेटे को कॉल करके कहा किआपके पिता अचानक छत से गिर गए हैं, तुरंत आजाइए। बेटा मौके पर पहुंचा तो दरोगा बेसुध हालत मेंनीचे पड़े थे। उनकी सांसें थम चुकी थीं। लेकिन जिंदगीकी आस में बेटा तुरंत अपने पिता को लेकर साईअस्पताल पहुंचा। जहां गाड़ी में ही स्टाफ ने देखकरदरोगा को मृत घोषित कर दिया।

इसके बाद परिजनों ने दरोगा का अंतिम संस्कार भीकर दिया। करीब 15 दिन बाद 6 फरवरी को दरोगा केबेटे ने ध्यान दिया कि उसके पिता हमेशा सोने की चेनऔर अंगूठी पहने रहते थे। क्रिमिनेशन के समय दोनोंगायब थीं। दरोगा का बेटा मझोला थाने पहुंचा और उसनेपुलिस से शक जाहिर किया कि संभवत: उसके पिता केछत से गिरने के बाद मजदूरों ने या फिर अस्पताल मेंचेक करते अस्पताल स्टाफ ने उसके पिता की सोने कीचेन और अंगूठी उतारकर रख ली है। पिता की आखिरीनिशानी के तौर पर दरोगा के बेटे ने पुलिस से दोनों चीजोंको ढूुंढने की गुजारिश की।पूछताछ के दौरान राजमिस्त्री के चेहरे पर घबराहटथी। इसे भांपकर इंस्पेक्टर मोहित चौधरी ने राज मिस्त्रीसे कड़ाई से पूछताछ शुरू की। उससे पूछा कि दरोगाकैसे छत से गिरे तो वो पूरा घटनाक्रम नहीं बता सका।

सख्ती से पूछताछ में राजमिस्त्री टूट गया। उसने कबूलकिया कि उसने दो अन्य मजदूरों के साथ मिलकर दरोगाअतेंद्र की हत्या की थी। इतना सुनकर पुलिस भी सन्न रहगई। तुरंत राजमिस्त्री को हिरासत में लेकर उसके बताएदो अन्य मजदूर साथियों को भी पुलिस ने तुरंत पकड़लिया। इसके बाद जो कहानी निकलकर सामने आई वोबेहद शातिराना थी।राजमिस्त्री ने रवींद्र ठेकेदार ने पुलिस पूछताछ में बतायाकि उसने दरोगा अतेंद्र से 2 लाख रुपए उधार लिए थे।दरोगा के मरने पर उसकी ये देनदारी खत्म हो जातीइसलिए वो इस घटना में शामिल हुआ। वारदात मेंशामिल एक मजदूर ने कहा कि दरोगा मुझे बहुत डांटताथा। मैं उसकी गालियों से आजिज आ गया था औरबदला लेने का मन बना लिया था। इसीलिए उसकी हत्याके प्लान में शामिल हो गया। दूसरे मजदूर ने कहा कि मेरेहिस्से में दरोगा की सोने की अंगूठी और चेन आनी थी।ठेकेदार रविंद्र ने पुलिस को बताया कि दरोगा जब 19जनवरी को बिल्डिंग पर काम देखने आया तो हम तीनोंने पहले से ही उसे निपटाने का मन बना लिया था।दरोगा छत पर चेक करने पहुंचा तो ठेकेदार रविंद्र नेउसे लात मारी। जिससे दरोगा लुढ़कता हुआ नीचे गिरा।इसके बाद सीढ़ियों से नीचे गिरने पर मजदूरों ने दरोगापर निर्माण में उपयोग आने वाली बल्लियों से वार किया।इसके बाद दरोगा की अंगूठी और चेन उतारकर उसकेबेटे को हादसे की झूठी कहानी सुना दी।

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