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स्व सहायता समूहों की महिलाएं गुलाब, गेंदा, पलाश, पालक, चुकंदर से बना रहीं हर्बल गुलाल

🙏जिला संवाददाता सुखदेव बाजार🙏

*कलेक्टोरेट एवं जिला पंचायत में सजा रंग-बिरंगे हर्बल गुलाल का स्टॉल*

*जिला पंचायत अध्यक्ष, कलेक्टर सहित जनप्रतिनिधियों, अधिकारियों-कर्मचारियों एवं आमनागरिकों ने खरीदी गुलाल*

जांजगीर-चांपा 12 मार्च 2025/ राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (बिहान) से जुड़ी स्व सहायता समूह की महिलाओं के द्वारा हर्बल गुलाल तैयार कर उसे कलेक्टोरेट व जिला पंचायत सहित ग्राम पंचायतो व जनपद पंचायतो में स्टॉल में लगाया जा रहा है। कलेक्टर श्री आकाश छिकारा ने कलेक्टोरेट कार्यालय परिसर में लगाये गये स्टॉल में स्व-सहायता समूहों की महिलाओं से हर्बल गुलाल खरीदी कर नागरिकों से अपील की है कि स्व-सहायता समूहों के द्वारा तैयार हर्बल गुलाल खरीदकर महिला समूहों का मनोबल बढ़ाएं। इसी प्रकार जनपद पंचायत अकलतरा में लगाये गये स्टॉल में जिला पंचायत अध्यक्ष श्री सत्यलता आनंद मिरी ने स्व सहायता समूहों द्वारा तैयार किये गये हर्बल गुलाल खरीदा। इसके साथ विभिन्न जनप्रतिनिधि, अधिकारी-कर्मचारियों एवं आम नागरिकों ने भी गुलाल खरीदकर समूहों का उत्साह बढ़ाया।
जिला पंचायत मुख्य कार्यपालन अधिकारी गोकुल रावटे ने बताया कि जिले में स्व सहायता समूहों द्वारा हर्बल गुलाल तैयार किया जा रहा। यह गुलाल समूह की महिलाओं द्वारा गुलाब, गंेदा, चांदनी, रातरानी के फूल, टेशू के फूल सहित त्वचा को नुकसान नहीं पहुंचाने वाली पत्तियांें सहित पालक, लाल भाजी का उपयोग करते हुए तैयार की जा रही है। जिसे स्व सहायता समूहों की महिलाओं द्वारा ग्राम पंचायत के हाट बाजार से लेकर कलेक्टोरेट, जिला पंचायत, जनपद पंचायत में स्टॉल लगाकर हर्बल गुलाल की बिक्री की जा रही है। जिससे वे रसायनिक रंगों से होने वाली हानि से भी बचा रही हैं और स्वरोजगार को मजबूती बनाते हुए आगे बढ़ रही हैं। समूह की महिलाओं द्वारा लगाये गये स्टॉल पर पहुंचने वाले नागरिकों का कहना है कि इस बार की होली हर्बल गुलाल से खेलेंगे।

*गुलाब और चुकंदर से लाल, तो पालक से हरा गुलाल*

स्व सहायता समूह की महिलाओं द्वारा हर्बल गुलाल का स्टाल लगाया गया। स्व सहायता समूह की महिलाओं ने बताया कि गुलाबी, हरा, नीला, आसमानी, संतरा सहित कई रंग के गुलाल महिलाओं द्वारा दिन-रात मेहनत करते हुए तैयार किये गये हैं। इन गुलालों में गेंदा फूल, गुलाब फूल, पलाश के फूल, पालक, चुंकदर, लालभाजी आदि का उपयोग किया गया है। महिलाओं के द्वारा पिछले दो सप्ताह से गुलाल की तैयारी कर रही है। फूलों का सुखाकर उसके बाद पीसकर फिर छानकर गुलाल को कड़ी मेहनत के बाद तैयार किया गया हैं।
स/क्र

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