
“जब तक गिरफ्तारी नहीं, तब तक आंदोलन जारी रहेगा: पिंकी प्रजापति”
— अशोक लाट से उठेगी महिला सम्मान की आवाज
बांदा संवाददाता गिरजा शंकर अवस्थी ब्यूरो बांदा
भारतीय लोकतंत्र की सबसे बड़ी शक्ति उसकी जनता की आवाज़ है — और जब यह आवाज़ एक महिला के सम्मान, उसकी गरिमा और सत्य की रक्षा के लिए उठती है, तो वह केवल आंदोलन नहीं रह जाती, वह इतिहास बनती है। जनता दल यूनाइटेड (महिला प्रकोष्ठ) की नगर अध्यक्ष पिंकी प्रजापति ने शनिवार को बांदा जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपते हुए जो घोषणा की, वह न सिर्फ एक राजनीतिक प्रतिक्रिया थी, बल्कि एक स्त्री के आत्मबल की उद्घोषणा थी।
उन्होंने एलान किया कि 22 जून 2025, रविवार से ऐतिहासिक अशोक लाट पर क्रमिक अनशन शुरू किया जाएगा। आंदोलन का स्वर मुखर और शांतिपूर्ण होगा, लेकिन उसका संकल्प अडिग —
“जब तक आरोपी की गिरफ्तारी नहीं होगी, आंदोलन नहीं रुकेगा।”
यह संदर्भ है उन लगातार सोशल मीडिया पोस्ट्स का, जो समाजवादी पार्टी की जिला अध्यक्ष अर्चना सिंह पटेल द्वारा जनता दल यूनाइटेड की प्रदेश उपाध्यक्ष शालिनी सिंह पटेल के विरुद्ध की गईं — अभद्र, असत्य, और मानहानिकारक टिप्पणियाँ, जिनमें सार्वजनिक गरिमा का क्षरण था, और राजनैतिक मर्यादा का अपमान।
पिंकी प्रजापति का स्वर सीधा था, लेकिन उसकी गूंज दूर तक सुनाई दी। उन्होंने कहा —
“यह आंदोलन किसी एक महिला के लिए नहीं है। यह हर उस आवाज़ के लिए है जो सत्य के साथ खड़ी है और झूठ के सामने झुकने से इनकार करती है।”
ज्ञापन में मांग की गई है कि अर्चना सिंह पटेल के विरुद्ध भारतीय दंड संहिता की धारा 499, 500 और आईटी एक्ट की धाराओं के अंतर्गत मुकदमा दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार किया जाए। साथ ही, प्रशासन से यह भी अपेक्षा की गई है कि आंदोलन स्थल पर कानून-व्यवस्था एवं महिला सुरक्षा की जिम्मेदारी निभाई जाए।
यह केवल एक विरोध नहीं है —
यह लोकतंत्र में महिलाओं के आत्म-सम्मान और स्वाभिमान की पुनर्स्थापना का संकल्प है।
यह एक नेत्री की नहीं, पूरे समाज की परीक्षा की घड़ी है।