
💥बड़वारा न्यूज़💥
शासकीय आवास में खुलेआम प्रैक्टिस करते हैं बड़वारा बीएमओ, जिम्मेदार अधिकार बने मूक दर्शक।
वर्षों से बड़वारा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में पदस्थ ब्लाक मेडिकल आफिसर डॉ अनिल झामनानी जिला कलेक्टर व शासन के आदेश को दरकिनार कर खुलेआम शासकीय आवास में मरीजों का इलाज कर रहे हैं जबकि इनकी जिम्मेदारी शासकीय स्वास्थ्य केंद्र इलाज करवाने आने वाले मरीजों का इलाज करने की है किंतु बीएमओ साहब शासकीय आवास मिलने के बावजूद कटनी से अपडाउन करते हैं तथा कभी भी समय से स्वास्थ्य केंद्र बड़वारा नही आते हैं।
*ड्यूटी समय मे करते हैं प्रैक्टिस*-
बीएमओ डॉ अनिल झामनानी अपने शासकीय सेवा अवधि में अपने शासकीय आवास में मरीजों का डंके की चोट पर कानून का माखोल उड़ाते हुए इलाज करते हैं । मरीजों की बाकायदा ओपीडी भी बनबाते हैं जिससे यह सिद्ध हो कि मरीज इनके यहां अपना इलाज नही करवाया है अपितु शासकीय स्वास्थ्य केंद्र में इलाज करवाया है।
उल्लेखनीय है कि जब जिला चिकित्सालय में पदस्थ चिकित्सक श्रद्धा द्विवेदी जिन्होंने मात्र एक वर्ष शासकीय आवास में रहकर निजी प्रैक्टिस कीं तो उनके ऊपर तत्कालीन जिला कलेक्टर अवि प्रसाद द्वारा उनके आवास को खाली करबाने की कार्रवाई की गई तो फिर जिला प्रशासन बड़वारा में वर्षों से पदस्थ बीएमओ डॉ अनिल झामनानी पर कार्रवाई करने में क्यों ढिलाई बरत रहा है जबकि बीएमओ डॉ अनिल झामनानी सरेआम शासकीय आवास में ड्यूटी के वक्त मरीजों का इलाज कर कमाई कर रहे हैं। बड़वारा बीएमओ अपने शासकीय आवास में मुख्यालय में कभी नही रहते रोजाना कटनी चले जाते हैं जबकि मुख्यालय में रहना अनिवार्य है।
*अस्पताल में अव्यवस्थाएँ हावी*-
बड़वारा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में इन दिनों अव्यवस्था पूर्ण रूप से हावी है। अस्पताल में बना कचड़ा घर जिसमे कचड़ा व गन्दगी भरी हुई है उसे हटवाने का कोई भी प्रयास नही किया जा रहा है। अस्पताल के पीछे अस्पताल का खराब मटेरियल पड़ा हुआ है जिसे स्वीपरों के द्वारा नही हटाया जा रहा है जिसके कारण गन्दगी से लोगों को परेशानी होती है व संक्रमण फैलने का खतरा बना रहता है।
*पोषण पुनर्वास के बाहर फैला कचड़ा*-
पोषण पुनर्वास के बाहर कचड़ा फैला है, साफ सफाई नही की जाती है जबकि पोषण पुनर्वास केंद्र में महिलाएं अपने बच्चों को सुपोषित करने के लिए भर्ती करती है किंतु बाहर फैले कचड़े व गन्दगी से केंद्र में भर्ती बच्चों को संक्रमित होने की संभावना बनी रहती हैं।
*लाखों का बजट फिर भी अव्यवस्था*-
शासन द्वारा शासकीय स्वास्थ्य केंद्रों में हर वर्ष लाखों का बजट उपलब्ध करवाया जाता है इसके बावजूद भी बड़वारा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में न ही कर्मचारी समय पर आते हैं, न ही मरीजों को समुचित स्वास्थ्य लाभ मिल पाता है जिसके चलते लोगों में बड़वारा में पदस्थ बीएमओ डॉ अनिल झामनानी की कार्यशैली व व्यवहार से जनता में आक्रोश है तथा इन्हें बड़वारा से हटाए जाने की मांग जनता व बड़वारा ब्लाक कांग्रेस अध्यक्ष विकास निगम के द्वारा की गई है।