नरेश मीणा ने जड़ा एसडीएम को थप्पड़: छावनी में बदला गांव, पुलिस ने की घेराबंदी
टोंक। नगरफोर्ट क्षेत्र के समरावता गांव में निर्दलीय प्रत्याशी नरेश मीना की ओर से एरिया मजिस्ट्रेट (एसडीएम मालपुरा) अमित चौधरी को थप्पड़ मारने के बाद पुलिस ने गांव को छावनी में तब्दील कर दिया। गांवों के चारों ओर पुलिस बल तैनात कर दिया गया। किसी को भी स्थानीय निवासी के अलावा किसी अन्य को गांव में जाने के लिए प्रवेश नहीं दिया। वहीं शाम तक निर्दलीय प्रत्याशी और ग्रामीण धरने पर थे। उनको घेर कर पुलिस खड़ी की थी।यह था मामला
नगरफोर्ट तहसील की ग्राम पंचायत कचरावता के समरावता गांव में जबरन वोटिंग का विरोध करते हुए नरेश मीना ने प्रशासन पर पक्षपात का आरोप लगाया। बहस के दौरान एरिया मजिस्ट्रेट व मालपुरा एसडीएम अमित चौधरी के साथ विवाद बढ़ गया और नाराज होकर मीना ने थप्पड़ मार दिया। इसके बाद उन्होंने प्रशासन के खिलाफ धरना शुरू कर दिया। मामले को बढ़ता देख प्रशासन ने मौके पर अतिरिक्त पुलिस जाप्ता बुलाया और स्थिति पर काबू पाया।ग्रामीणों ने चुनाव का किया था बहिष्कार
नगरफोर्ट तहसील क्षेत्र की ग्राम पंचायत कचरावता के गांव समरावता में ग्रामीणों ने बुधवार को समरावता को नगरफोर्ट तहसील से हटाकर उपखंड उनियारा में जोडऩे को लेकर धरना प्रदर्शन कर चुनाव का बहिष्कार किया था। ग्रामीणों के बहिष्कार करने की सूचना पर मौके पर निर्दलीय प्रत्याशी नरेश मीना पहुंचे और उनके साथ धरने पर बैठ गए। मौके पर पहुंचे अधिकारियों ने ग्रामीणों के साथ समझाइश करने की कोशिश की। लेकिन बात नहीं बन पाई और मामला बढ़ता चला गया।ग्रामीणों से की समझाइश
पुलिस अधीक्षक विकास सांगवान, एडीएम मालपुरा विनोद कुमार मीणा, एएसपी ब्रजेन्द्र सिंह भाटी, एएसपी गीता, कार्यवाहक नगरफोर्ट तहसीलदार नरेंद्र बापडिय़ा ने हंगामे के बीच ग्रामीणों के साथ समझाइश की। इसके बाद मतदान शुरू हुआ। प्रशासन ने ग्रामीणों को आश्वासन दिया कि उनकी बात सरकार तक पहुंचाई जाएगी। इसके बाद ग्रामीणों ने धरना-प्रदर्शन खत्म किया और दोपहर 3:45 बजे मतदान शुरू हुआ।इनका कहना है
टोंक पुलिस अधीक्षक विकास सांगवान ने बताया कि समरावता गांव में चुनाव बहिष्कार के दौरान प्रशासन व पुलिस के अधिकारियों ने ग्रामीणों से समझाइश की। इस दौरान निर्दलीय प्रत्याशी नरेश मीना पोलिंग बूथ में भागते हुए आए और एरिया मजिस्ट्रेट अमित चौधरी के साथ मारपीट की। इस दौरान हुई घटना पर उचित कार्रवाई की जाएगी।
निर्दलीय प्रत्याशी नरेश मीणा ग्रामीणों की ओर से चुनाव का बहिष्कार किया था। मैं ग्रामीणों से समझाइश कर रहा था। लेकिन एसडीएम की ओर से कर्मचारियों के परिवार के वोट जबरदस्ती डलवाए जा रहे थे। जबकि चुनाव बहिष्कार कर रहे थे।