कुशीनगर। उत्तर प्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, लखनऊ की कार्ययोजना वर्ष 2024-2025 के क्रियान्वयन के क्रम में तथा जिला जज/अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण सुशील कुमार शशि के निर्देशन व जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, कुशीनगर के तत्वावधान में आज अपर जिला जज / सचिव शैलेन्द्र मणि त्रिपाठी द्वारा जिला मुख्यालय रविन्द्रनगर स्थित संविलियन उच्च प्राथमिक विद्यालय में बाल दिवस कार्यक्रम का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम बेसिक शिक्षा अधिकारी डॉ0 राम जियावन मौर्य की देखरेख में किया गया। बाल दिवस के अवसर पर अपर जिला जज / सचिव शैलेन्द्र मणि त्रिपाठी ने उपस्थित बच्चों के पास नीचे बैठकर बच्चों से बातचीत की और बाल दिवस क्यों और कब मनायी जाती है, इस संबंध में विस्तृत से बताया। अपर जिला जज/सचिव शैलेन्द्र मणि त्रिपाठी की बातों को एकाग्र होकर सभी बच्चे सुन रहे थे और काफी उत्साहित भी थे। अपर जिला जज/सचिव शैलेन्द्र मणि त्रिपाठी ने बच्चों के अधिकारों एवं सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओ के बारे में भी विस्तृत से बताया- इस दौरान बाल कल्याणार्थ विभिन्न विधिया, बाल कल्याण योजना, उ०प्र० मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना की जानकारी देते हुए बताया कि उ०प्र० मुख्यमंत्री बाल कल्याण योजना बाल श्रम, बाल भिक्षावृत्ति, बाल वैश्यावृति से मुक्त कराकर परिवार / परिवारिक वातावरण में समायोजित कराना एवं आर्थिक सहयोग प्रदान कराना जिन्होनें 18 वर्ष से कम आयु में कोविड 19 से भिन्न अन्य कारणों से अपने माता-पिता दोनों अथवा मातापिता में से किसी एक अथवा अभिभावक को खो दिया है अथवा 18 से 23 वर्ष तक के ऐसे किशोर जिन्होनें कोविड 19 से भिन्न अन्य कारणों से अपने माता-पिता अथवा अथवा माता-पिता में से किसी एक अथवा अभिभावक को खो दिया है तथा वह कक्षा 12 तक की शिक्षा पूर्ण करने के उपरान्त राजकीय महाविद्यालय, विश्वविद्यालय अथवा तकनीकी संस्थान से स्नातक डिग्री अथवा डिप्लोमा प्राप्त करने हेतु शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं अथवा नीट, जे ई.ई. कैट जैसे राष्ट्रीय एवं राज्य स्तरीय प्रतियोगी परीक्षाओं में उत्तीण करने वाले जिनकी माता तलाकशुदा या परित्यक्ता स्त्री है अथवा जिनके माता पिता या परिवार का मुख्यकर्ता कारागार में निरूद्ध हैं उन्हें उ०प्र० मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना के तहत आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है।
बाल संरक्षण एवं कल्याण हेतु विधियां एवं योजनाएपा
क्सो अधिनियम, किशोर न्याय अधिनियम,(a) हिन्दू दत्तक एवं भरण पोषण, बाल मजदूरी निषेध, बचों को अनिवार्य शिक्षा, अनाथ बचों को सहायता/आर्थिक मदद,तथा योजनाएं के क्रम में बाल संरक्षण गृह, वन स्टाप सेन्टर,श्रमिक बाल विद्या योजना, जनपद स्तरीय टास्क फोर्स, जिला बाल कल्याण इकाई/जिला प्रोवेशन कार्यालय/ बाल कल्याण समिति/किशोर न्याय बोर्ड। बाल दिवस पर ली जाने वाली प्रतिज्ञा युवा दिमागों के विकास में विश्वास करते हुये बौद्धिक विकास कार्यक्रम आयोजित करना, बच्चों और युवाओं के अधिकारों शिक्षा एवं कल्याण हेतु कार्यक्रम आयोजित करना, समावेशी शिक्षा प्रणाली से ही राष्ट्र समृद्ध हो सकता है, बच्चों के भविष्य को सजीव और उत्कृष्ट बनाने हेतु सहयोग करना। बच्चे दुनिया में खुशी, जिज्ञासा और रचनात्मकता की एक अनूठी चिंगारी लाते हैं। अतः बाल संरक्षण योजनाएं लागू करना। इस अवसर पर संविलियन उच्च प्राथमिक विद्यालय की प्राधानाध्यापक श्रीमती द्रौपदी सिंह, जिला स्काउट मास्टर नीरज बंका, सहायक अध्यापक श्रीमती रेनूबाला सिंह, श्रीमती उर्मिला मौर्या, हर्षिता शुक्ला, रागिनी ओझा, रविन्द्र नारायण पाण्डेय, भानु प्रताप सिंह, शिक्षामित्र श्रीमती शालिनी त्रिपाठी, अनुदेशक अजय कुमार, श्रीमती पंकजा सिंह उपस्थित रही।