
हत्या का कारण और घटनाक्रम
विशाल सिंह की हत्या **देवरिया** जिले में हुई थी, जहां एक छात्र नेता के तौर पर उसकी सक्रियता थी। आरोपियों ने पुरानी रंजिश के चलते उसे चाकू से गोदकर मौत के घाट उतार दिया था। पुलिस के अनुसार, आरोपी और विशाल के बीच पहले भी कई बार विवाद हो चुके थे, और यह हत्या उसी का परिणाम थी।
विशाल सिंह के परिवार और दोस्तों के मुताबिक, आरोपी अभिषेक यादव और विशाल सिंह के बीच लंबे समय से दुश्मनी थी। एक बार पहले भी दोनों के बीच झगड़ा हुआ था, और उसी दौरान यह विवाद और भी गहरा गया। रविवार को जब पुलिस ने आरोपी को पकड़ने के लिए सर्च ऑपरेशन चलाया, तो वह पुलिस से बचने के लिए हथियार लेकर भागने की कोशिश करने लगा, जिसके बाद पुलिस ने आत्मरक्षार्थ कार्रवाई की और एनकाउंटर में उसे मार गिराया।
पुलिस का बयान
देवरिया पुलिस ने बताया कि आरोपी अभिषेक यादव के खिलाफ कई गंभीर मामलों में वांछित था, जिसमें विशाल सिंह की हत्या भी शामिल थी। पुलिस का कहना है कि आरोपी को पकड़ने के लिए कई दिनों से प्रयास किए जा रहे थे। पुलिस ने उसके खिलाफ एक अभियान चलाया था, जिसके तहत उसे पकड़ने के लिए कई जगहों पर छापे मारे गए थे। जब उसे मुठभेड़ के दौरान घेर लिया गया, तो उसने भागने की कोशिश की और पुलिस ने आत्मरक्षार्थ गोली चलाने के बाद उसे ढेर कर दिया।
पुलिस के मुताबिक, एनकाउंटर के दौरान आरोपी के पास से एक चाकू और अन्य आपत्तिजनक सामग्री बरामद की गई। आरोपी के खिलाफ कई अपराधिक मामले दर्ज थे और वह लंबे समय से पुलिस की रडार पर था।
एनकाउंटर पर उठे सवाल
अभी तक इस एनकाउंटर पर विवाद उठने शुरू हो गए हैं। कुछ स्थानीय लोग और अधिकारिक संस्थाएं एनकाउंटर की विश्वसनीयता पर सवाल उठा रहे हैं। उनका कहना है कि आरोपी की हत्या पुलिस की लापरवाही का परिणाम हो सकती है, और मुठभेड़ के दौरान क्या पूरी प्रक्रिया को सही तरीके से अपनाया गया था या नहीं, इसकी जांच की जानी चाहिए।
कई मानवाधिकार संगठनों ने इस एनकाउंटर को लेकर चिंता व्यक्त की है, और कहा है कि यह एक और गैरकानूनी मुठभेड़ हो सकती है। वहीं, पुलिस ने अपनी कार्रवाई को सही बताते हुए कहा है कि यह आत्मरक्षार्थ की गई थी और आरोपी की नापाक मंशाओं को देखते हुए यह कदम उठाया गया था।
पुलिस और प्रशासन का एकजुटता में समर्थन
देवरिया के पुलिस अधीक्षक (SP) ने इस एनकाउंटर के बाद कहा कि पुलिस अपनी जिम्मेदारियों को निभा रही है और इस प्रकार के अपराधियों को कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि पुलिस पर आरोप लगाने वालों को तथ्यों के आधार पर जवाब दिया जाएगा और पूरी प्रक्रिया पारदर्शी तरीके से की जाएगी।
पुलिस ने यह भी कहा कि आरोपी के खिलाफ लंबी जांच की गई थी और उसे पकड़ने के लिए पूरी पुलिस टीम ने कई दिन तक कोशिश की थी। अब इस मामले की जांच के आदेश दिए गए हैं, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि एनकाउंटर पूरी तरह से वैध था।
निष्कर्ष
विशाल सिंह की हत्या के मामले में आरोपी अभिषेक यादव का एनकाउंटर एक बड़ा मुद्दा बन चुका है। यह घटना देवरिया जिले में अपराध और न्याय व्यवस्था की गंभीरता को उजागर करती है। पुलिस ने इस मुठभेड़ को आत्मरक्षार्थ बताया है, जबकि कुछ लोग इसे लेकर सवाल उठा रहे हैं। इस पूरे घटनाक्रम की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि कानून का उल्लंघन नहीं हुआ और न्याय की प्रक्रिया सही ढंग से पूरी हुई।