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संस्कृत विद्यालय जमडी में कलेक्टर का आत्मीय स्वागत

छत्तीसगढ़ जिला सूरजपुर *विकासखंड भैयाथान के संस्कृत उच्चतर माध्यमिक विद्यालय श्रीदुर्गासेवाश्रम जमडी में सूरजपुर जिला के कलेक्टर ,एवं जिला सीईओ के निरक्षण के लिए आगमन पर विद्यालय के बच्चों ने बड़ी आत्मीयभाव से किया स्वागत*

छत्तीसगढ़ जिला सूरजपुर

*विकासखंड भैयाथान के संस्कृत उच्चतर माध्यमिक विद्यालय श्रीदुर्गासेवाश्रम जमडी में सूरजपुर जिला के कलेक्टर ,एवं जिला सीईओ के निरक्षण के लिए आगमन पर विद्यालय के बच्चों ने बड़ी आत्मीयभाव से किया स्वागत*
संस्कृत विद्यालय श्रीदुर्गासेवाश्रम जमडी में सूरजपुर जिला के कलेक्टर श्री एस जयवर्धन एवं जिला सीईओ श्रीमती कमलेश नंदनी साहू के साथ छत्तीसगढ़ पाठयपुस्तक निगम के पूर्व अध्यक्ष श्री भीमसेन अग्रवाल जी का संस्कृत उच्चतर माध्यमिक विद्यालय के बालक,बालिकाओं के साथ प्राचार्य रामाशंकर,कुशवाहा व्याख्याo राजाराम कुशवाहा,आदि।एवं शिक्षिका : सुरेखा पैकरा,अशाबेला एका,सुमनसिंह ,कौशल्यासिंह,
प्रियंका यादव, श्री दुर्गा सेवा आश्रम के संस्थापक श्री दुर्गा सेवाश्रम के संस्थापक डॉ अशोक शर्मा उपाध्यक्ष श्री भूमिनाथ चतुर्वेदी, दुर्गा मंदिर के समस्त वरिष्ठ सदस्यो के द्वारा पुष्प वर्षा कर बड़ी आत्मीभाव से स्वागत किया , श्रीदुर्गासेवाश्रम के संस्थापक डॉ अशोक शर्मा जी मातृछाया कक्ष में भारतीय परम्परा अतिथि देवोंभव का बड़ी आत्मीय भाव को साकार करते नजर आए ,जलपान उपरांत सांस्कृतिक मंच में दुर्गासेवाश्रम् एवं संस्कृत विद्यालय के संस्थापक डॉ अशोक शर्मा जी ने कलेक्टर महोदय को निःशुल्क संस्कृत विद्यालय में अध्ययन कर रहे दूर दूर के बच्चों के विषय में बताया कि यहां संस्कृत के साथ हिंदी ,अंग्रेजी ,विज्ञान ,सामाजिक विज्ञान , गणित, आयुर्वेद, का अध्ययन कराया जाता है और बच्चों का गतिविधि ब्रम्हबेला में वेदमन्त्रों से शुरू होकर योगसाधना, खेल,गृहकार्य , सामान्यज्ञान आदि से संध्याविश्राम वेद मंत्रो के साथ होता है ।
कलेक्टर महोदय ने अपने संबोधन में कहा कि :
आज आपके बीच आकर मुझे बहुत अच्छा लग रहा है , मैं मूल रूप से आंध्र प्रदेश के विशाखापट्टनम से हूं , कार्य करने के लिए मुझे छत्तीसगढ़ कैडर मिला है छत्तीसगढ़ में मैं अपनी दूसरी कलेक्ट्री में सूरजपुर आया हूं ।भाषा के प्रति सभी को लगाव होनी चाहिए और जो भी भाषा में अभिव्यक्तीकरण करनी हो उसकी एक पकड़ होनी चाहिए, मैं मानता हूं आप चाहे हिंदी हो या संस्कृत में आप बहुत अच्छी भाषा सीख रहे होंगे , साथ ही साथ आप गणित विज्ञान भी अध्ययन कर रहे हैं ।दूर-दूर अंचल से आप लोग आकर बेहतर ज्ञान अर्जित कर रहे हैं ,आप बहुत अनुशासन में हैं। सभी बच्चों के साथ प्रतियोगि परीक्षा में बढ़ चढ़कर सभी को हिस्सा लेना चाहिए, आज यहां का परिसर को देखने में मुझे बहुत अच्छा लगा । मैं किसी बच्चे के द्वारा किसी भी विषय पर शुद्ध संस्कृत भाषा पर भाषण सुनना चाह रहा हूं, पर अभी समय अभाव के कारण आज नहीं सुन पा रहा हूं परंतु अगले बार आकर जरूर सुनना चाहूंगा भले ही ज्यादा मुझे संस्कृत भाषा समझ नहीं आएगा ,फिर भी। क्योंकि हमारा मूल भाषा भारत देश का संस्कृत ही रही है ।आज पश्चात देशो में संस्कृत का बहुत ज्यादा डिमांड है ,वहां पर बहुत सारे लोग सिखते भी हैं। मैं चाहूंगा कि कभी आप लोगों के बीच आकर शुद्ध संस्कृत भाषा में संस्कृत संभाषण सुन पाऊं । आप सभी को एग्जाम , आपकी परीक्षा, का बहुत-बहुत शुभकामनाएं।

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