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अर्थव्यवस्था में 2 लाख करोड़ का योगदान देगा महाकुंभ 2025:- मुख्यमंत्री योगीनाथ

सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि एक पर्यटक या श्रद्धालु जब यूपी आता है तो ट्रेन, बस, टैक्सी या प्लेन का उपयोग करता है। होटल, टेंट या धर्मशाला में रुकता है। होटल, रेस्टोरेंट या ढाबे पर खाना खाता है, कुछ खरीदारी भी करता है। इस तरह वह औसतन पांच हजार रुपये खर्च करता है।

* 2013 में प्रयागराज कुंभ अव्यवस्था का शिकार था। मॉरीशस के प्रधानमंत्री यहां आए थे और गंगा की स्थिति देखकर भावुक हो गए थे। वहां बिना नहाए और आचमन के ही लौट गए थे।
* प्रयागराज में पिछला महाकुंभ 12 साल पहले 2013 में हुआ था. उस समय उत्तर प्रदेश में अखिलेश यादव की सरकार थी. उस समय लगभग 12 करोड़ तीर्थयात्री मेले में आए थे.
* *साल 2019 में प्रयागराज में आयोजित कुंभ मेले में करीब 24 करोड़ तीर्थयात्री शामिल हुए थे. इस मेले में 182 देशों के नेता, 70 मिशन प्रमुख, और 3,200 प्रवासी भारतीय भी शामिल हुए थे. इस मेले में कई गिनीज़ वर्ल्ड रिकॉर्ड बने थे.
* इस साल कुंभ मेले पर योगी आदित्यनाथ की सरकार 7 हजार करोड़ रुपये खर्च कर रही है.
* महाकुंभ में योगी सरकार काम के लिए ले रही BARC और ISRO जैसी संस्थाओं का सहारा
* महाकुंभ में इसबार AI से रखी जाएगी 40-45 करोड़ श्रद्धालुओं निगरानी

प्रयागराज महाकुंभ मेला में 40 करोड़ लोगों के आने का अनुमान है। ऐसे में देश-प्रदेश की अर्थव्यवस्था में अकेले महाकुंभ दो लाख करोड़ रुपये का योगदान देगा। महाकुंभ आस्था, आधुनिकता और स्वच्छता का मॉडल बनेगा।

■ महाकुंभ के साथ ही अन्य आस्था स्थलों पर सरकार की ओर से किए जा रहे खर्च पर योगी ने आंकड़ों के साथ जवाब दिया। कहा कि काशी में औसतन 50 लाख लोग सालाना आते थे। काशी विश्वनाथ कॉरिडोर बनने के बाद 16 करोड़ लोग आए थे। अयोध्या में 2016 में 2.83 लाख लोग आए थे। इस बार सितंबर तक ही 13.44 करोड़ लोग आ चुके हैं।
■ सीएम योगी ने कहा कि दिसंबर तक अयोध्या में यह आंकड़ा लगभग 16 करोड़ होगा। ऐसे में इन दो स्थलों की इकॉनमी ही 80-80 हजार करोड़ के लगभग होगी। जो शहर अर्थव्यवस्था में 80 हजार करोड़ रुपये का योगदान कर रहे हैं।

*योगी आदित्यनाथ कहा, ‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व और मार्गदर्शन में देश अपनी प्राचीन विरासत पर गर्व कर रहा है. महाकुंभ भारत की आध्यात्मिक और सांस्कृतिक धरोहर का परिचायक है. यह आयोजन देश और दुनिया के लोगों को अपनी प्राचीन परंपराओं पर गर्व करने और अपनी सांस्कृतिक जड़ों को समझने का अवसर प्रदान करता है.’ सीएम ने कहा कि इस आयोजन का उद्देश्य न केवल धार्मिक आस्था को प्रोत्साहित करना है, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा और मार्गदर्शन भी प्रदान करना है।*

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राज कुमार सेठ

मैं एक प्राइवेट टीचर हूँ। पत्रकारिता मेरा शौक है।
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