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ग्राम जारगी बीट में सागौन पौधारोपण के नाम पर भारी लूट उजागर, डिप्टी रेंजर पंचम मसराम पर गंभीर आरोप

मध्यप्रदेश सरकार वन संरक्षण, पौधारोपण, अवैध कटाई पर अंकुश लगाने और विकास कार्यों पर करोड़ों रुपये खर्च कर रही है। हालांकि, अधिकारियों द्वारा केवल कागजों पर विकास कार्य दिखाकर लाखों रुपये का गबन किया जा रहा है

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मंडला MP हेमंत नायक महाराजपुर

#मंडला, मध्यप्रदेश:–मध्यप्रदेश सरकार वन संरक्षण, पौधारोपण, अवैध कटाई पर अंकुश लगाने और विकास कार्यों पर करोड़ों रुपये खर्च कर रही है। हालांकि, अधिकारियों द्वारा केवल कागजों पर विकास कार्य दिखाकर लाखों रुपये का गबन किया जा रहा है, जिससे शासन की महत्वाकांक्षी योजनाएं विफल हो रही हैं और सरकार को भारी नुकसान हो रहा है।

ऐसा ही एक बड़ा सरकारी लूट का मामला मंडला मुख्यालय से 20 किलोमीटर दूर ग्राम जारगी से सामने आया है। यहां वन समिति के अध्यक्ष, सदस्य और क्षेत्रीय जनपद सदस्य ने डिप्टी रेंजर पंचम लाल मसराम पर गंभीर आरोप लगाते हुए वृक्षारोपण घोटाले का खुलासा किया है। उनके बीट क्षेत्र में हजारों सागौन के पौधे लगाए जाने थे, लेकिन मौके पर गिनती के कुछ ही पौधे मिले हैं। बाकी पौधे, यानी रूट सूट, को साजिश के तहत नाले में बहा दिया गया और कुछ पौधों को बोरों में भरकर झाड़ियों में छिपाकर नष्ट कर दिया गया।

  • मौके पर पहुंचे क्षेत्रीय जनपद सदस्य व वन समिति अध्यक्ष

ग्राम जारगी बीट कंपार्टमेंट 44 के ग्रामीण, वन समिति के अध्यक्ष, सदस्य और क्षेत्रीय जनपद सदस्य श्री पवन ऊईके ने पौधारोपण और नष्टीकरण वाली जगह का दौरा किया। उन्होंने वृक्षारोपण में बड़े पैमाने पर घोटाले का आरोप लगाते हुए बताया कि महोगांव परियोजना मंडल, मंडला अंतर्गत परियोजना परिक्षेत्र कंचनगांव में पदस्थ पंचम लाल मसराम सहायक परिक्षेत्र अधिकारी के प्रभार में दो सर्किल (जारगी एवं कोटा सांगवा) और पांच बीट हैं। इसके अलावा, वे 16 ग्राम वन समितियों में सचिव के प्रभार में भी हैं। इतने बड़े कार्यक्षेत्र के कारण उनके प्रभार क्षेत्र में कोई देखरेख नहीं हो पा रही है और समितियों में भी कोई विकास कार्य नहीं हो रहा है। उनके बीटों में अत्यधिक अवैध कटाई भी हो रही है।

इसके साथ ही, उन पर कुटेली एवं जारगी और अन्य बीटों के सुरक्षा श्रमिकों से मोहनटोला में चल रहे कूप 1 एवं 2 की कटाई कराने का भी आरोप है। वर्तमान में मोहनटोला बीट में कक्ष क्रमांक 390 एवं 42 में बांस की कटाई होनी थी, लेकिन उन कूपों में कटाई न कराकर कक्ष क्रमांक 393 एवं 41 एटीपी 2017 में कटाई कराई गई। कूप 2, कक्ष क्रमांक 0.167 में पंचम लाल मसराम द्वारा कोई मार्किंग नहीं कराई गई और न ही उस कूप में कटाई कराई गई। कक्ष क्रमांक 0.167 की पूरी कटाई कक्ष क्रमांक 384 से कराई गई है। कक्ष क्रमांक 44, टीपी 2024 में रूट सूट रोपण बहुत कम कराया गया है, और उस कूप में जीवित पौधे न के बराबर हैं। वहां किसी भी प्रकार की सुरक्षा व्यवस्था नहीं की गई है। इस विषय पर जारगी वन समिति द्वारा पंचम लाल मसराम को बताया गया तो उनके द्वारा यह कहा गया कि सुरक्षा की जिम्मेदारी समितियों की है, हमारी नहीं है। आरोप है कि सुरक्षा श्रमिकों से संपूर्ण कार्य जैसे डिमार्केशन मार्किंग, लाइन कटाई, जलाई, रिकॉर्डिंग, कूप 1 और 2 की कटाई आदि कराया जा रहा है, लेकिन इन सभी कार्यों का भुगतान अन्य व्यक्तियों के नाम पर किया जा रहा है।

  • शिकायत पर नहीं हुई कोई कार्यवाही

इन सभी विषयों पर समिति के अध्यक्षों एवं सदस्यों द्वारा संभागीय प्रबंधक, मोहगांव परियोजना मंडल, मंडला, प्रतिभा शुक्ला से शिकायत की गई, लेकिन उनके द्वारा श्री पंचम लाल मसराम पर किसी प्रकार की कार्यवाही या जांच नहीं की गई। उनके द्वारा यह कहा गया कि श्री पंचम लाल मसराम का कार्य अच्छा है, जो इस बात को सिद्ध करता है कि इन सभी विषयों की जानकारी संभागीय प्रबंधक एवं उपसंभागीय प्रबंधक को पहले से है और उन्हीं के संरक्षण में यह सब हो रहा है। ग्रामीण और वन समिति के अध्यक्ष सदस्यों ने अब क्षेत्रीय महाप्रबंधक महोदय को आवेदन देकर निवेदन किया है कि पंचम लाल मसराम को दोनों सर्किलों एवं बीटों से तत्काल हटाकर अन्य बीट गार्ड एवं सर्किल प्रभारी नियुक्त किया जाए, अन्यथा सभी समितियां अपने क्षेत्रों में कोई वानिकी कार्य संपन्न नहीं होने देंगी।

  • इसी क्षेत्र में “पुष्पा” मूवी की तर्ज पर हो चुकी है तस्करी

आपको बता दें कि विगत 5 मई को ग्राम मछरिया के जंगल से, जो डिप्टी रेंजर पंचम लाल मसराम का क्षेत्र है, इसी जंगल से अवैध सागौन कटाई करके रातों-रात तस्करी की जा रही थी। ग्रामीणों ने रात में जंगल में घेराबंदी कर गिरोह को पकड़ा था। सूचना देने के बाद डिप्टी रेंजर और बाकी विभागीय अधिकारी/कर्मचारी 12 घंटे बाद मौके पर पहुंचे थे, जिसके बाद पंचम मसराम पर तस्करों से मिलीभगत के आरोप लगे थे। आरोपी मौके से भाग गए थे, लेकिन एक मोबाइल, 11 पेड़ कटे 25 नग सागौन के लट्ठे, एक ट्रक और एक बाइक जब्त हुई थी। इस अवैध कटाई के मामले में विभाग न तो आरोपियों को पकड़ पाया है और न ही उनकी पहचान कर पाया है। इसके अलावा, जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ भी अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है।

  • डिपो में खड़े ट्रक में आग लगा दी और सोते रहे जिम्मेदार

यहां मछरिया से जब्त ट्रक डिपो प्रभारी की अभिरक्षा में रखा गया था। ट्रक और डिपो की सुरक्षा के लिए नियमित कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई जाती है, लेकिन इसके बावजूद जिम्मेदार सोते रहे और डिपो के अंदर आकर आरोपियों ने ट्रक में आग लगाकर भाग गए। उनका पीछा करके पकड़ा भी नहीं जा सका। इतना ही नहीं, प्रतिबंधित क्षेत्र में आकर आगजनी करने वाले आरोपियों के खिलाफ वन विभाग ने स्वयं कोई प्रकरण दर्ज नहीं किया, सिर्फ कोतवाली थाना में आवेदन दिया, जबकि वन विभाग वन सुरक्षा अधिनियम में स्वयं प्रकरण दर्ज कर कार्रवाई कर सकता है। यहां रात्रि में सुरक्षा में तैनात कर्मचारियों और डिपो प्रभारी द्वारा की गई लापरवाही पर भी कोई कार्रवाई नहीं की गई है।

  • प्रभारी के भरोसे प्रोजेक्ट

यहां मोहगांव प्रोजेक्ट में प्रभागीय प्रबंधक (DM) की पदस्थापना नहीं हुई है। तबादले के बाद उमरिया के डीएम को मंडला का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है। इसके अलावा, मंडला के मोहगांव प्रोजेक्ट में अनुविभागीय अधिकारी (SDO) की भी पदस्थापना नहीं की गई है। जिसके चलते मोहगांव प्रोजेक्ट रेंज अफसरों के भरोसे चल रहा है। जंगल की सुरक्षा और निगरानी उन्हीं के हाथों में है, जिसके चलते जंगल और डिपो की सुरक्षा में लगातार लापरवाहियां सामने आ रही हैं। कंचनगांव रेंज और देवरी दाबर डिपो में हुई घटनाओं में विभाग के कर्मचारी और अधिकारियों की मिलीभगत के आरोप लग रहे है।

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