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अपात्र रोजगार सहायक ने खुद ले लिया प्रधानमंत्री आवास 

अपात्र रोजगार सहायक ने खुद ले लिया प्रधानमंत्री आवास

और खड़ा किया शीश महल

सीधी। कच्चे घरों और बेघर लोगों को उनका अपना पक्का आवास बनाने में सहयोग करने हेतु भारत सरकार की महत्वाकांक्षी प्रधानमंत्री आवास योजना चन्द लुटेरों के हाथों लुट गई और लूट का खुलासा होने के बावजूद भी जिम्मेदारों को कार्यवाही से परहेज है जो लुटेरों से उनके मोहब्बत को दर्शाता है।

कुसमी विकासखंड अंतर्गत ग्राम पंचायत करैल मैं पदस्थ रोजगार सहायक सह प्रभारी सचिव जिसने भारत सरकार के मापदंडों के विपरीत जाकर खुद को प्रधानमंत्री आवास योजना के लिए पात्र ठहराया और उसका लाभ लिया। वित्तीय वर्ष 2019-20 में पंजीयन क्रमांक एमपी 4660307 के अंतर्गत शिवप्रसाद यादव पिता छोटे लाल यादव निवासी ग्राम केरहा ग्राम पंचायत करैल को प्रधानमंत्री आवास स्वीकृत हुआ जिसका लाभ रोजगार सहायक शिव प्रसाद यादव ने प्राप्त किया। भारत सरकार के तत्कालीन नियमों के मुताबिक दोपहिया वाहन का मालिक प्रधानमंत्री आवास के लिए अपात्र था इसकी जानकारी होते हुए भी रोजगार सहायक शिव प्रसाद यादव ने नसीब प्रधानमंत्री आवास का लाभ लिया बल्कि मनरेगा के तहत 94 दिन की मजदूरी 17860 रुपए का भुगतान भी प्राप्त कर दिया।

प्रधानमंत्री आवास के लिए पात्रता हेतु निर्धारित भारत सरकार के नियमों के मुताबिक दो पहिया वाहन का मालिक इसके लिए अपात्र था जबकि शिव प्रसाद यादव के पास होंडा मोटरसाइकिल क्रमांक एमपी 66 एम ई 6769 पहले से मौजूद थी जो उन्होंने 29 सितंबर 2018 को खरीदी थी। इस तरह से रोजगार सहायक शिव प्रसाद यादव प्रधानमंत्री आवास के लिए पात्र नहीं थे लेकिन यह बात उन्होंने छिपा कर खुद को प्रधानमंत्री आवास के लिए पात्र घोषित किया और उसका लाभ लिया।

प्रधानमंत्री आवास योजना के लिए रोजगार सहायक सह प्रभारी सचिव शिव प्रसाद यादव पिता छोटे लाल यादव निवासी ग्राम केरहा ग्राम पंचायत करैल जनपद पंचायत कुसमी जिला सीधी को उनके बैंक खाता क्रमांक *****5068 यूनियन बैंक ऑफ़ इंडिया में पहली किस्त 15 में 2020 को ₹ 25000, दूसरी किस्त 23 जुलाई 2020 को 45000 रुपए, तीसरी किस्त 15 सितंबर 2020 को 45000 रुपए और चौथी किस्त 27 नवंबर 2020 को ₹15000 का भुगतान किया गया है। आप जरा तस्वीरों पर चलते हैं तो रोजगार सहायक शिव प्रसाद यादव ने अपने कच्चे आवास की पहले और दूसरी फोटो 29 मई 2019 को भारत सरकार के प्रधानमंत्री आवास पोर्टल पर अपलोड की वही तीसरी फोटो 24 में 2020 को तथा चौथी फोटो 27 में 2020 को अपलोड की गई। यह सभी फोटो रोजगार सहायक शिव प्रसाद के आवास यात्रा को दर्शाती है लेकिन 25 जून 2020 को जब आवास बनाकर मुकम्मल हुआ तो वह फोटो इन्होंने पोर्टल पर अपलोड नहीं कि उसे खाली ही छोड़ दिया इसके बावजूद भी उन्हें आखिरी किस्त का भुगतान किया गया। वह पांचवी और आखिरी फोटो पोर्टल पर इनके द्वारा इसलिए अपलोड नहीं की गई क्योंकि वह इनके वैभव और विलासिता की कहानी का मुकम्मल प्रदर्शन था। कहना ना होगा कि सीधी जिले के करोड़पति रोजगार सहायक के नवनिर्मित आवास में जितने खिड़की और दरवाजे लगे हैं वह भी उन्हें प्रधानमंत्री आवास में मिले 1 लाख 30 हजार रुपए से 4 गुना ज्यादा महंगे हैं। संपूर्ण विकास यात्रा की दास्तान का खुलासा जल्दी ही किया जाएगा।

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