
जीएसटी अधिनियम की धाराओं के अंतर्गत सर्वश्री ए के पेपर केस्वामी को जेल भेजा है।
मुरादाबाद में वाणिज्य कर विभाग ने बकाया वसूली केलिए विशेष अभियान शुरू किया है। राज्य कर विभाग नेतीन वर्ष के राज्य कर की बकाया 10,71,000 धनराशिजमा न करने पर राज्य कर चोरी के मामले में जीएसटीअधिनियम की धाराओं के अंतर्गत सर्वश्री ए के पेपर केस्वामी को जेल भेजा है।
ये कार्रवाई सहायक आयुक्त राज्य कर खंड पांच भूमिकाशर्मा ने की। राज्य कर विभाग की ओर से रेलवे केमाध्यम से माल लाने वाले व्यापारियो पर भी कार्रवाई कीजा रही है। जिसमें शुक्रवार को राज्य कर चोरी कर लाईजा रही ब्रास शीट के बिल संबंधित कागज ने होने मालका जब्त कर वाणिज्य कर विभाग में जमा करा दियागया है। इसके साथ पूर्व में राज्य कर चोरी के पकड़े गएवुड एंड अंबर के मामलों में 5 करोड़ 6 लाख 61 हजारका अर्थदंड जमा कराया है।शुक्रवार से वाणिज्य कर विभाग की ओर राज्य चोरीकरने वालों और बकाया राज्य कर जमा न करने वालोंकार्रवाई ने गति पकड़ ली है। शासन और मुख्यालय सेबकाया धनराशि न जमा कराने वालों कार्रवाई के क्रममें सहायक आयुक्त, राज्य कर खण्ड-5, भूमिका शर्मा नेहरथला कांठ रोड, पर स्थित सर्वश्री एके पेपर्स नामकफर्म के स्वामी इन्द्रपाल सिंह पुत्र मुकन्दी गौतम को तीनवर्षों (2015-2017-18)राज्य कर बकाया धनराशि 10लाख 71 हजार एवं उस पर ब्याज न जमा करने पर कोजिला कारागार-मुरादाबाद में बंद कराया है।
उधर अब राज्य कर विभाग की ओर से रेलवे के माध्यमलाखों का राज्य कर चोरी कर माल लाने वाले व्यापारियोंपर शिकंजा कसना शुरू कर दिया हैं। शुक्रवार सचलइकाई-पंचम ने बिना प्रपत्रों के 29 नग ब्रास शीट लानेवाले व्यापारी का रोक लिए। टीम द्वारा व्यापारी से मालसंबंधित बिल मांगे गए जोकि व्यापारी के पास नहींमिले। लाएए जा रही ब्रास शीट का सरकिल मूल्य लगभग25.00 लाख रुपये है। जिसको कोई प्रपत्र प्रस्तुत नकिए जाने के आधार पर समस्त माल को रेलवे स्टेशन से
ला कर कार्यालय में अधिग्रहीत किया गया है।
इस संबंध में संयुक्त आयुक्त विशेष अनुसंधान शाखाराज्य कर संभाग ए,बी ने बताया कि रेलवे से आरहे माल को रेलवे के उच्चाधिकारियों से सम्पर्क करकरापवंचन पर कड़ी निगाह रखी जाएगी। बिना प्रपत्रंएवं करापवंचन के उद्देश्य से परिवहित माल को रेलवेके माध्यम से परिवहन पर रोक लगाई जाएगी। वहींवुड एंड टिंबर के लकड़ी के कारोबारियों द्वारा राज्य करचोरी करने के पुराने मामले में मुख्यालय से मिले निर्देशमें विशेष अनुसंधान शाखा , प्रवर्तन अधिकारियों द्वाराअभिलेखों की गई जांच के बाद की स्थिति प्रतिकूलपायी गई फर्मों के संबंध में जांच कराते हुए 14 फरवरीतक 6 जांच कराई गई हैं। जिसमे 108.25 लाख रुपये
जमा कराया गया।
इसी क्रम में इस वित्तीय वर्ष में माह अप्रैल- 24 सेजनवरी-25 तक वुड़ एंड टिम्बर के 17 मामलों में विशेषअनुसंधान शाखा जांच कराई है। जिसमें जांच के बाद2 करोड़ 73 लाख 12 हजार की धनराशि जमा कराईगई। जोन की सचल दल इकाइयों ने भी इस अवधिके अंतर्गत वुड एण्ड टिम्बर के 335 दोषी वाहनों परकार्यवाही करते हुए 2 करोड़ 33 लाख 49 हजार रुपयेकी धनराशिे अर्थदण्ड के रूप में राज कोष जमा कराई