
बांदा, बकरू कांड में शहीद सीओ देवेंद्र मिश्रा की पत्नी शनिवार को बांदा आईं। चोरी हुए गृहस्थी के सामान को लेकर उन्होंने सिविल लाइंस चौकी में अपने बयान दर्ज कराए। बयान दर्ज कराने के बाद देर शाम वह कानपुर लौट गईं।
शहीद सीओ की पत्नी आशा मिश्रा 12 फरवरी को कानपुर से 22 वर्षीय बेटी वैशार्दी के साथ बांदा आई थीं। यहां महाराणा प्रताप चौक के पास उनका पैतृक आवास है। जहां देवर रामघिदत्त मिश्रा और राजीव मिश्रा का परिवार रहता है।
आरोप है कि मां-बेटी को आवास में नहीं घुसने दिया गया। दोनों ने बाहर से झांककर देखा तो उनका गृहस्थी का सामान गायब था। इस पर आशा देवी ने शहर कोतवाली में अपने दोनों देवरों के खिलाफ चोरी की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। मामले में सिविल लाइंस चौकी प्रभारी अर्पित पांडेय ने उन्हें बयान के लिए बुलाया। शनिवार को वह सिविल लाइंस चौकी पहुंचीं। यहां उन्होंने चोरी गए सामान को लेकर अपने बयान दर्ज कराए। बताया कि शनिवार को बाहर से झांककर देखने में जो-जो सामान नहीं दिखाई पड़ा था। उसकी जानकारी चौकी प्रभारी को दी है।
शनिवार को भी वह अपने पैतृक आवास नहीं जा पाईं। बयान दर्ज कराने के बाद कानपुर को लौट गईं। चौकी प्रभारी ने बताया कि मामले की विवेचना चल रही है, जिसको लेकर उन्हें बुलाया गया था।