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अवैध संबंध के चलते शिक्षक पर विभागीय कार्यवाही व उपसरपंच की बर्खास्तगी हेतु आयोग ने की अनुशंसा

अवैध संबंध के चलते शिक्षक पर विभागीय कार्यवाही व उपसरपंच की बर्खास्तगी हेतु आयोग ने की अनुशंसा

मानसिक रूप से अक्षम पिता के भाईयों ने करवाया फर्जी तरीके से रजिस्ट्री, आयोग ने दिवानी मामला लगाने का दिया सलाह।

दूसरी पत्नी रखने पर धारा 498 पर एफ.आई.आर. तथा दूसरी महिला को नारी निकेतन भेजने का आयोग ने दिया निर्देश।

दूसरी पत्नी के 4 मामलों में डी.एस.पी. सारिका वेद महासमुंद को कार्यवाही करने का आयोग ने दिया निर्देश।

महासमुंद/06 फरवरी 2024/ को राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ.किरणमयी नायक, सदस्य डॉ. अनिता रावटे ने आज जिला पंचायत सभा कक्ष महासमुंद में महिला उत्पीड़न से संबंधित प्रस्तुत प्रकरणों पर जनसुनवाई की । छत्तीसगढ़ महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ. किरणमयी नायक की अध्यक्षता में आज प्रदेश स्तर में 237 वीं एवं जिला स्तर में 7 वीं नम्बर की सुनवाई हुई । महासमुंद जिला की आज की जनसुनवाई में कुल 38 प्रकरण सुनवाई हेतु रखे गये थे।

आज के सुनवाई के दौरान एक प्रकरण में आवेदिका ने बताया कि दो माह से अनावेदक से आपसी समझौता हो गया है। दोंनो साथ में रह रहे हैं उसे अब कोई शिकायत नहीं है। आनावेदिका क्रमांक 2 अनुपस्थित है, यदि उसके द्वारा आवेदिका को किसी भी प्रकार से प्रताड़ित किया जाता है, तो ऐसी दशा में प्रकरण पुनः चालू किया जावेगा। प्रकरण को एक वर्ष तक सखी सेंटर महासमुंद निगरानी करेगी इस निर्देश के साथ आयोग ने प्रकरण नस्तीबद्ध किया।
एक अन्य प्रकरण में आवेदिका के पति ने आत्महत्या कर लिया है, और कर्ज वापसी न कर पाने का कारण सुसाइड नोट में उल्लेखित किया है, लेकिन जिन लोगो ने परेशान किया है उनका नाम नहीं था । सुसाइड नोट दिनांक 19.01.2023 में यह लिखा कि वह जिन लोगो से परेशान है उसके बारे में उनकी पत्नी सब जानती है। इसके बाद थाना सिटी कोतवाली महासमुंद में अपराध 195/2023 धारा 306 आईपीसी का प्ररकण दर्ज किया है जिसमें आवेदिका से पूछताछ की प्रकिया थाने में चल रही है। उपस्थित आवेदक गण क्रमांक 1, 2 व 6 ने बताया की आवेदिका के पति ने मकान बेचने का सौदा 2 अलग अलग लोगो से किया था, दोनों से लाखो रूपये अग्रिम प्राप्त कर लिया था। आवेदिका के पति ने आत्म हत्या कर लिया अनावेदकगण का कहना है कि बयाना में दी गई राशि वापस न करना पड़े इसलिये आवेदिका ने उनके खिलाफ शिकायत की। चूंकि आवेदिका का प्रकरण एक वर्ष से थाने में पंजीबद्ध है और वर्तमान में आवेदिका को बयान के लिए बुलाया गया। आवेदिका के द्वारा दिये गये बयान और पुलिस थाने में लिया गया बयान मंगाये जाने के बाद प्रकरण को आयोग द्वारा सुना जायेगा।
अन्य प्रकरण में आवेदिका के पिता जो मानसिक रूप से अक्षम है आवेदिका अपने पिता के भाईयों और उनके पुत्र के खिलाफ यह प्रकरण प्रस्तुत किया है कि आवेदिका के पिता की मानसिक अक्षमता की फयदा उठा कर उनके जमीन की रजिस्ट्री की लिखा पढ़ी अपने नाम पर करा लिया है। इस प्रकरण को विस्तृत में सुने जाने के पश्चात आवेदिका के पिता के एक मात्र पुत्री आवेदिका है और उसके समस्त सम्पत्ति के एक मात्र वारिस है। अतः विवादित रजिस्ट्री को दिवानी न्यायालय में इस आधार पर चुनौती दे सकती है कि उसके पिता मानसिक रूप से अक्षम होने के कारण जमीन बेचने के लिए सक्षम नहीं थे, न्यायालय में चुनौती दिये जाने हेतु आवेदिका को महिला आयोग में प्रकरण प्रस्तुती दिनांक से अब तक के समस्त नस्ती को न्यायालय में प्रस्तुत करने में उपयोग कर सकती है, प्रकरण नस्तीबद्ध किया गया।
अन्य प्रकरण में आवेदिका ने बताया कि अनावेदक क्रमांक 1 व 2 दोनों ने विवाह कर लिया है। इसका प्रमाण कुटुम्ब न्यायालय में जारी पत्र दिनांक 01.05.2023 के पैरा क्रमांक 34 में यह स्पष्ट उल्लेखित है कि अनावेदक क्रमांक 1 ने दूसरा विवाह वैधानिक तलाक लिये बिना कर लिया है। जो वर्तमान में शिक्षाकर्मी वर्ग 3 के पद पर शासकीय सेवा में हाथीबाहारा में पदस्थ है व ग्राम देवरी थाना कोमाखान का निवासी है। शासकीय सेवा में होते हुए अपनी पत्नी से वैधानिक तलाक लिये बिना अवैध रूप से दूसरा विवाह करना सिविल सेवा आचरण संहिता नियम का उल्लंघन है, जिसके तहत उसकी शासकीय सेवा समाप्त किया जा सकता है। इस आशय पर शिक्षा मंत्री और प्रमुख सचिव शिक्षा विभाग, जिला शिक्षा अधिकारी और विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी को पत्र आयोग की ओर भेजा जायेगा ताकि शासकीय सेवक अपने पद और अपने दायित्व का दुरूपयोग न कर सके। जिस हेतु विभागीय कार्यवाही के लिए अनुशंसा किया जायेगा। नगर पालिका बागबाहरा में आवेदिका के नाम पर स्थित मकान को अनावेदक क्रमांक 1 ने नगर पालिका बागबाहरा के अधिकारियों व कर्मचारियों से मिलकर आवेदिका के मकान को अनावेदक क्रमांक 2 के नाम पर चढ़ा दिया है जो स्पष्टतः धोखाधड़ी का मामला है, जिस पर नगर पालिका परिषद बागबाहरा के अधिकारी कर्मचारियों को पक्षकार बनाकर आयोग में साक्ष्य अभिलेख के लिए उपस्थिति होने को कहा गया। आवेदिका ने थाना प्रभारी पुलिस थाना बागबाहरा को अपने बैंक खाता से किये गये फर्जी आहारण का दस्तावेज भी प्रस्तुत किया है जिस पर पुलिस थाना बागबाहरा ने अब तक क्या कार्यवाही किया, इस पर पुलिस थाना बागाबाहरा को नोटिस भेजा जाये। अनावेदक क्रमांक 2 वर्तमान में ग्राम घोयनाबाहारा थाना कोमाखान में निर्वाचित उपसरपंच है। आवेदिका द्वारा प्रस्तुत फोटोग्राफ में अनावेदक क्रमांक 1 एवं 2 आपत्ति जनक स्थिति में है। उभय पक्षों को विस्तार से सुना जा चुका है, प्रकरण में समस्त दस्तावेज साक्ष्य मौजूद है जिनके बिना पर उनके शासकीय सेवा समाप्त किये जाने की प्रक्रिया आवेदिका करवा सकती है। अनावेदक क्रमांक 2 की उपसरपंच की सेवा समाप्त करने की प्रक्रिया आवेदिका करवा सकती है। आयोग इस विषय पर विस्तार से कार्यवाही कर दस्तावेजों सहित शासकीय विभागों में प्रेषित करेंगे।
अन्य प्रकरण में दोनों पक्षों के मध्य आपसी राजीनामा हुआ जिसमें समस्त प्रकरण वापस लेने के लिए एकमुष्त भरण पोषण राशि 2.5 लाख रूपये तीन किश्तों में आवेदिका को आनावेदक द्वारा दिया जावेगा। जिसमें पहला किश्त 1 लाख रूपये 10.02.2024 को आयोग की मान. सदस्य श्रीमती अनीता रावटे के समक्ष दिया जायेगा। राशि दिये जाने पर आपसी राजीनामा से तलाक दिया जाने हेतु आयोग की ओर अधिवक्ता डॉ अखिलेष कुमार को कार्यवाही हेतु कहा गया। तथा शेष राशि की दूसरी किश्त कब देना है यह उसी समय तय होग।
अन्य प्रकरण में आवेदिका ने बताया कि अनावेदक क्रमांक 3 के साथ दूसरा विवाह कर लिया है और उसका तलाक नहीं हुआ है। उनकी 4 बेटियां होने के कारण अनावेदक क्रमांक 1 ने आवेदिका को चारों बच्चियों के साथ अलग कर दिया है और उसी घर में अलग कमरे में अनावेदक क्रमांक 1 और 3 एक साथ रहकर आवेदिका को शारीरिक और मानसिक प्रताड़ना दे रहे है, जो एक महिला के लिए असहनीय और अपमान जनक स्थिति है। इसमें आवेदिका की शिकायत पर धारा 498 (A) पर रिपोर्ट प्रकरण दर्ज कराया जा सकता है। रिपोर्ट दर्ज होने पर महिला को नारी निकेतन रायपुर में भेजा जाये तथा अनावेदक क्रमांक 1 के विरूद्ध तत्काल कार्यवाही हेतु डी.एस.पी. महासमुंद को पत्र प्रेषित हेतु कहा गया। सखी सेंटर महासमुंद के केन्द्र प्रशासक व संरक्षण अधिकारी को कल दिनांक 07.02.2024 को अनावेदक क्रमांक 3 को नारी निकेतन भेजने हेतु निर्देशित किया गया। आवश्यकता अनुसार महिला आयोग में दूसरी महिला और उसके परिवारजनों द्वारा शपथ पत्र देने के आधार पर अनावेदक क्रमांक 3 के संबंध में विचार किया जावेगा।


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