
गुलशन साहू की रिपोर्ट –
दुर्ग – जिले के नये वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (आईपीएस) विजय अग्रवाल ने अपना कार्यभार ग्रहण कर लिया है। पुलिस अधीक्षक कार्यालय पहुंचने पर वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक विजय अग्रवाल को सलामी दी गई। कार्यभार ग्रहण करने के उपरान्त नवपदस्थ वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक विजय अग्रवाल जिले के राजपत्रित अधिकारियों से परिचय प्राप्त कर उनके अधीनस्थ थाना-चौकियों की जानकारी लेते हुये क्षेत्र की गतिविधियों से अवगत हुये। उन्होंने बेसिक पुलिसिंग को पुख्ता करने , अपराधों की रोकथाम और निराकरण करने की दिशा में तेजी से कार्य करने के निर्देश दिये। इस अवसर पर अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक भिलाई दुर्ग शहर सुखनंदन राठौर , नगर पुलिस अधीक्षक दुर्ग चिराग जैन , नगर पुलिस अधीक्षक छावनी हरीश पाटिल , नगर पुलिस अधीक्षक भिलाई नगर सत्य प्रकाश तिवारी , उप पुलिस अधीक्षक हेम प्रकाश नायक , उप पुलिस अधीक्षक हेड क्वार्टर अलेक्जेंडर किरो , डीएसपी लाइन चंद्र प्रकाश तिवारी , उप पुलिस अधीक्षक क्राइम अजय सिंह एवं प्रशिक्षु आईपीएस राहुल बंसल विशेष रूप से उपस्थित थे।
बताते चलें कि वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक विजय अग्रवाल वर्ष 2012 बैच के भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारी हैं। ये छत्तीगसढ़ में बेसिक पोलिसिंग के काफी जानकार हैं और इंवेस्टिगेशन में भी इनकी खासी पकड़ है , इन्होंने पदस्थ जिलों में कई गंभीर मामलों का पर्दाफाश किया है। नियमित थानों का निरीक्षण, देर रात तक गश्त, थानेदारों की मानिटरिंग इनकी पुलिसिंग का अनिवार्य अंग है। राज्य में जब भी कोई बड़ी या गंभीर घटना होती है तो विजय अग्रवाल को वहां भेजा जाता है, ये जिस जिलों में पोस्टेड रहे हैं, बड़े-बड़े मामलों को इन्होंने सुलझा दिया है। तात्कालीन बलौदाबाजार भाटापारा में बेसिक पुलिसिंग पर जोर देते हुये इन्होंने गिरौदपुरी के पास हुये दंगों के दौरान अपनी महत्वपूर्ण जिम्मेदारी सम्हाली थी। संवेदनशील बलौदाबाजार जिले का कमान सम्हालते हुये इन्होंने दामाखेड़ा जैसे कई बड़े कामों को अंजाम दिया। आईपीएस विजय अग्रवाल का एसपी के तौर पर दुर्ग पांचवां जिला होगा। जशपुर उनका पहला जिला था, उसके बाद जांजगीर चांपा, सरगुजा, व बलौदा बाजार – भाटापारा। ये लम्बे समय तक राजधानी रायपुर के एडिशनल एसपी भी रह चुके हैं। दुर्ग जिला उनके लिये कोई नया नहीं हैं ,वे दुर्ग में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (ट्रैफिक) और अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (क्राइम) के पद पर कार्य कर चुके है साथ ही वे भिलाई स्थित प्रथम वाहिनी में कमांडेंट भी रह चुके हैं।