
जावरा (निप्र) श्री संघ में विराजित श्रमण संघीय जैन दिवाकरिया महासाध्वी डॉ श्री संयमलताजी म. सा.,डॉ श्री अमितप्रज्ञाजी म. सा.,डॉ श्री कमलप्रज्ञाजी म. सा.,श्री सौरभप्रज्ञाजी म. सा. आदि ठाणा 4 के सानिध्य में धर्म सभा को सबोधित करते हुए साध्वी संयमलता ने कहा – जीवन में जितना मोल पानी का है उतना ही मोल वाणी का है। पानी और वाणी को सहेज कर रखिए। पानी और वाणी आदमी की प्रतिष्ठा है, प्राण है उसे व्यर्थ ना गवाएं। खारा पानी और खारी वाणी दोनों हानिकारक है। मीठे पानी की तरह वाणी भी मीठी रखें। सारे विवाद वाणी से पैदा होते हैं। वाणी से बड़ा कोई आभूषण नहीं। इसलिए पानी और वाणी दोनों का मितव्ययता से इस्तेमाल करो। पानी की एक-एक बूंद और वाणी का एक-एक शब्द अनमोल है।
साध्वी ने आगे कहा – पांच इंद्रियों में जीभ का विशेष महत्व है। जीभ का प्रमुख कार्य है बोलना और स्वाद लेना। कई लोग स्वाद के वशीभूत होकर अनंत अनंत पाप बंद कर लेते हैं। इस जिव्हा के पीछे न जाने कितने निरपराध मूक पशुओं की रोज हत्या की जा रही है। दूसरों को दुख देने वाला भला सुख को कैसे प्राप्त कर सकता है। अनेक अनेक दुख एवं बीमारी का मूल जीभ की लोलुपता ही है। अतः सुख के इच्छुक, खाने में विवेक व संयम रखकर राग द्वेष उत्पन्न करने वाले रसों के स्वाद से बचें।
उक्त जानकारी देते हुए संदीप रांका सुभाष टुकडीया ने बताया की जैन दिवाकरीय मालव सिंहनी पूज्या गुरुणी श्री कमलावतीजी म.सा.की सुशिष्या दक्षिण चंद्रिका
महासाध्वी डॉ संयमलताजी म सा, साध्वी डॉ श्री अमितप्रज्ञाजी म सा, साध्वी प पू डॉ श्री कमलप्रज्ञाजी म सा, साध्वी प पू श्री सौरभप्रज्ञाजी म सा
आदि ठाणा-4 का आगमन 13 वर्षो बाद जावरा नगर में आगमन हुआ है महासती जी के पावन सानिध्य में दो कलश की स्थापना गुरुभक्त परिवार के साथियो के द्वारा कि गईं महासती मंडल द्वारा ॐ ऋी श्री मुनी सुव्रत स्वामी नम: के जाप संपन्न करायें गयें उसके पश्चात प्रवचन हुए बहु मंडल द्वारा एक स्तवन प्रस्तुति दि गई कस्तुर धाम के अध्यक्ष राकेश मेहता द्वारा निर्माणधीन कस्तुर धाम की जानकारी प्रस्तुत की इस दोरान रतलाम श्री संध के पचास से अधिक श्रावक श्राविक के साथ बेंगलुरु, चितोड बदनोर, आदि कहीं जगह से गुरुभक्त उपस्थित थे
श्री वर्धमान स्थानकवासी जैन श्रावक संघ के पुर्वाध्यक्ष द्वय पारसमल बरडीया, बंसतीलाल चपडोद, सुशिल चपडोद,के साथ ट्रस्ट के अध्यक्ष श्रीपाल कोच्चटा, अजीत रांका अजीत चोपड़ा,विनोद लुनिया, पारस गादिया, सुजानमल ओरा, शेखर नाहर, सुशील कोचट्टा, चंद्रप्रकाश ओस्तवाल, अशोक झामर, सुरेंद्र मेहता, सुरेंद्र कोचट्टा, संदीप रांका, सुभाष टुकड़िया, शांतिलाल डांगी, अभय सुराणा, ज्ञानचंद ओस्तवाल, मनोज डांगी, संजय झामर, भंवरलाल मेहता, पवन डांगी, राहुल रांका, ऋषभ मेहता, नीलेश टुकड़िया अंकुर जैन आकाश जैन, फतेहलाल जैन, राकेश कोचट्टा, आदि महिला मंडल, बहु मंडल, के साथी उपस्थित थे कार्यक्रम का संचालन सुभाष टुकड़िया ने किया अंत में आभार संदीप रांका ने व्यक्त किया।