
सिर्फ कागजों में कूड़ाघर को पूरा दिखाकर मलाई काट रहे प्रधान व सचिव
पंकज चौबे सिद्धार्थ
सरकार जहां भारत स्वच्छ मिशन अभियान के अंतर्गत लाखों और करोड़ों रुपए ग्राम पंचायत को प्रदान करती है जिससे स्वच्छता अभियान का पालन करवाकर गांव में स्वच्छता मिशन के अंतर्गत स्वच्छता कायम किया जा सके इसके अंतर्गत तमाम ग्राम पंचायत में कूड़ा घर बनाने का कार्य जोर से हो रहा है जिसमें सूखा व गीला कूड़ा इकट्ठा करवा कर उसे पौष्टिक खाद में कन्वर्ट करने के दावे प्रशासनिक जिम्मेदार करते हैं लेकिन जो तस्वीर ग्राम पंचायत में देखी जा रही है उसमें व्यापक भ्रष्टाचार देखने को मिली है भ्रष्टाचार का आलम यह है कि कूड़ा सेंटर के नाम पर ग्राम प्रधान व सचिव मलाई काट रहे हैं वही कूड़ाघर की हालत काफी खराब है कहीं आधा अधूरा बनाकर पेमेंट हो जाता है तो कहीं सिर्फ कागज में ही निर्माण होकर पेमेंट हो जाता है कहीं निर्माण होने के बाद महीने दो महीने में ही जर्जर हो जाता है जिसका दीवार और पिलर तक क्रैक होकर गिरने लगता है यह कूड़ा घर की गुणवत्ता और मानक जबकि सरकारी आंकड़ों में गांव का मौसम गुलाबी है और जिले की जिम्मेदार और प्रशासनिक अधिकारी को रिपोर्ट से संतुष्ट कर दिया जाता है अगर बात की ग्राम पंचायत में विकास की की जाए तो तस्वीर सच बताने के लिए पर्याप्त है
ताजा मामला सिद्धार्थनगर जिले के विकास खण्ड शोहरतगढ़ अन्तर्गत ग्राम पंचायत बगुलहवा, नियाव , के साथ लगभग दर्जनों ग्राम पंचायत मे सिर्फ काग़ज़ मे पूरा कर भुगतान कर लिया गया है
वहीं इस सम्बंध में सहायक विकास अधिकारी राम विलास जी से बात करने पर उन्होंने बताया कि रिपोर्ट बनाकर उच्च अधिकारियों को भेज दिया गया है