“वाह रे सरकार तेरी कहाणी,नदी मे पाणी हो ना हो,समृध्दी पर देखलो बहता पाणी”। हमारे महाराष्ट्र मे सरकार के मंत्री द्वारा बडी,बडी डींगे मारी जाती है। हम कैसा सबसे बेहतरीन रोड बना रहे है। हमारे जैसा विश्व मे कोई नही। वगैरा,वगैरा,वैसे तो टेक्नॉलॉजी कितनी भी एडवांस क्यो ना हो,पर इंसान से ही गलती होती है। पर वह मानेतो तो कोई बात नही। पर राष्ट्रीय महा.प्राधिकरण,तथा समंधित मंत्री साहब संज्ञान लेना चाहिये, तथा गलती हो गयी है,मानना चाहिये, तब वे विशेष मायने नही रखता। लेकीन अपना विभाग,अपनीही शेखी बघारना सही नही। आज जनता के खुन,पसिने टॅक्स द्वारा जमा कीया गया पैसे का यह व्यव तो नही। ?भविष्य मे रोड के प्रती कीतनी विश्वास अर्हता की जा सकती है। !कही यह ‘समृती मार्ग ‘भविष्य मे ‘कबर समृद्ध’ मार्ग तो नही होगा। ?कही यह मार्ग भ्रष्टाचार की ओर ईशारा तो वही कर रहा। ? शायद होने को बहुत कुछ हो सकता,है। समज सकंते है। ? “कसते है ईंसान गलती का पतला होता है। पर वह माने तो सही,जो माने उसे क्या कहै। ?बहुत सारे सवाल जिसके जवाब जनता चाहती है। ?