
🟥 सहारनपुर: जामुन तोड़ने के विवाद ने लिया खूनी रूप, लाठी-डंडों से हमला, महिलाओं समेत 8 घायल, गांव में तनाव
✍️ रिपोर्ट: एलिक सिंह
संपादक – वंदे भारत लाइव टीवी न्यूज़ | उत्तर प्रदेश महामंत्री – भारतीय पत्रकार अधिकार परिषद
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सहारनपुर (फतेहपुर/छुटमलपुर)। सहारनपुर जिले के फतेहपुर थाना क्षेत्र के गांव सरदाहैडी में एक बेहद मामूली बात ने ऐसा तूल पकड़ लिया कि बच्चों की कहासुनी खूनी संघर्ष में बदल गई। जानकारी के मुताबिक, रविवार को जामुन तोड़ने को लेकर दो बच्चों के बीच शुरू हुई नोकझोंक देखते ही देखते बड़ों के बीच विवाद में बदल गई। सोमवार सुबह यह झगड़ा इतना उग्र हो गया कि नाथी और उसके बेटों ने गांव के ही 8 लोगों पर लाठी-डंडों और ईंट-पत्थरों से जानलेवा हमला कर दिया। इस हमले में महिलाओं समेत कई लोग घायल हो गए, जिनमें कुछ की हालत गंभीर बनी हुई है।
🧑🤝🧑 झगड़े की जड़ बना एक जामुन का पेड़
ग्रामीणों की मानें तो गांव के सार्वजनिक स्थान पर लगे एक जामुन के पेड़ से कुछ बच्चों ने फल तोड़ने की कोशिश की, जिस पर पहले से खड़े अन्य बच्चों से कहासुनी हो गई। बच्चों का यह झगड़ा दिनभर शांत रहा, लेकिन शाम होते-होते बड़े लोग इसमें कूद पड़े और नाथी पक्ष ने गुस्से में आकर रिशभ, धर्मेंद्र, मघराज, सावन, अंशुल, प्रियंका, सोनी और संतोष पर अचानक हमला बोल दिया।
लाठी-डंडों और पत्थरों से किए गए इस हमले में कई लोगों को सिर और शरीर पर गंभीर चोटें आई हैं। घायलों को तत्काल फतेहपुर के सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां से गंभीर घायलों को जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया।
🚨 गांव में तनाव, पुलिस ने बढ़ाई गश्त
घटना की सूचना मिलते ही फतेहपुर थाने की पुलिस टीम मौके पर पहुंची और स्थिति को संभालने का प्रयास किया। गांव में अचानक हुए इस खूनी संघर्ष से अफरा-तफरी का माहौल बन गया। रातभर गांव में तनाव की स्थिति बनी रही। सोमवार सुबह पुलिस ने दोनों पक्षों को थाने बुलाया, जहां नाथी ने तहरीर दी है। हालांकि अभी तक कोई औपचारिक एफआईआर दर्ज नहीं की गई है, जिससे पीड़ित पक्ष में रोष है।
थाना प्रभारी फतेहपुर ने बताया कि मामले की जांच जारी है, और तहरीर के आधार पर जल्द ही कानूनी कार्रवाई की जाएगी। वहीं, गांव में अमन-शांति बनाए रखने के लिए पुलिस बल की तैनाती कर दी गई है और गश्त को भी बढ़ा दिया गया है।
👥 ग्रामीणों में रोष, प्रशासन से मांग – दोषियों पर हो सख्त कार्रवाई
इस घटना से ग्रामीणों में खासा रोष है। स्थानीय लोगों का कहना है कि यदि समय रहते प्रशासन हस्तक्षेप करता तो मामला इतना नहीं बढ़ता। ग्रामीणों ने जिला प्रशासन से मांग की है कि हमलावरों पर सख्त धाराओं में मुकदमा दर्ज कर शीघ्र गिरफ्तारी की जाए, ताकि पीड़ितों को न्याय मिल सके और गांव में फिर से सामाजिक सौहार्द स्थापित हो।
📌 यह घटना समाज के उस कड़वे सच को उजागर करती है, जहां छोटी-छोटी बातों में हिंसा की चिंगारी भड़क उठती है। जामुन जैसे सामान्य विवाद से यदि लोग जानलेवा हमले तक पहुंच जाते हैं, तो यह प्रशासन, समाज और शिक्षा तीनों के लिए एक चेतावनी है। जरूरत है सामूहिक जागरूकता, संवाद और सख्त कानूनी कार्रवाई की।
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