
सोमवार 01 अगस्त 2025-: +++++++++++++××××××××× प्राप्त हुई जानकारी के अनुसार सुप्रीम कोर्ट ने आज 01 सितंबर को यह निर्देश दिया है कि अब शिक्षा के क्षेत्र से जुड़े हुए सभी शिक्षकों को अपनी सर्विस में बने रहने या प्रमोशन पाने के लिए टीईटी टीचर्स एलिजिबिलिटी टेस्ट उत्तीर्ण करना आवश्यक होगा। प्राप्त जानकारी के अनुसार सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस दीपांकर दत्ता एवं जस्टिस ऑगसटीन जॉर्ज मसीह की बेंच ने कहा कि- जिन शिक्षकों की नौकरी को पांच साल से ज्यादा का समय बचा हुआ है उन्हें टीईटी परीक्षा उत्तीर्ण करना अनिवार्य होगा। यदि ऐसा नहीं होता है तो उन्हें त्यागपत्र देना होगा या फिर कंप्लसरी रिटायर्मेंट लेना होगा। प्राप्त जानकारी के अनुसार सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने ऐसे शिक्षकों को इसमे राहत दी जिनकी नौकरी पांच साल ही शेष है । कोर्ट ने कहा कि यह निर्देश माइनॉरिटी इंस्टीट्यूटशंस पर लागू होगा या नहीं इसका निर्णय बड़ी बेंच करेगी। कोर्ट ने तमिलनाडु तथा महाराष्ट्र मे शिक्षकों के लिए टीईटी अनिवार्यता से संबंधित एक याचिका पर सुनवाई के दौरान यह फैसला सुनाया है। टीईटी- टीचर एलिजिबिलिटी एग्जाम”- एक राष्ट्रीय स्तर की पात्रता परीक्षा होती हो जो यह निर्धारित करती है कि अभ्यर्थी प्राथमिक और उच्च प्राथमिक कक्षाओं-कक्षा पहली से लेकर आठवीं तक में शिक्षक बनने के लिए वह योग्य है कि नहीं। यह परीक्षा राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद एनसीआरटी के द्वारा वर्ष 2010 में अनिवार्य की गई थी। टीईटी-कक्षा पहली से लेकर आठवीं तक के शासकीय शिक्षकों के लिए अनिवार्य परीक्षा है। रह केंद्र और राज्य दोनों ही अलग अलग करवाते हैं- सेंट्रल टीईटी और स्टेट टीईटी। इसके अंतर्गत दो पेपर होते हैं- कक्षा एक से पांच के लिए पेपर-1और कक्षा छह से आठ तक के लिए पेपर-॥। आरटीई एक्ट 2009 की धारा 23(1)के अनुसार शिक्षकों के न्युनतम योग्यता एनसीआरटी के द्वारा निर्धारित की जायेगी। एनसीआरटी ने 23 अगस्त 2010 को कक्षा एक से आठवीं तक शिक्षक बनने के लिए टीईटी उत्तीर्ण करना अनिवार्य कर दिया गया । एनसीटीई ने शिक्षक के पदों पर नियुक्त उम्मीदवारों को टीईटी उत्तीर्ण करने के लिए पांच साल का समय भी दिया। जिसको आगे चार साल के और बढ़ा दिया गया । एनसीटीई के नोटिस के खिलाफ उम्मीदवारों ने कोर्ट का रूख किया। मद्रास हाईकोर्ट बेंच ने जून 2025में कहा कि जिन शिक्षकों की नियुक्ति 29 जुलाई 2011 से पहले हुई थी, उन्हें अपनी सेवा में बने रहने के लिए टीईटी परीक्षा उत्तीर्ण करने की बाध्यता नहीं है, किन्तु पदोन्नति के लिए टीईटी उत्तीर्ण करना जरूरी रहेगा। इसी फैसले पर अब उच्चतम न्यायालय ने शिक्षकों को सर्विस मे बने रहने और पदोन्नति दोनो के लिए ही टीईटी उत्तीर्ण करना अनिवार्य कर दिया है। अभी इसमें माइनॉरिटी इंस्टीच्यूशंस के लिए यह फैसला आना शेष है।