
सहारनपुर । “ऑपरेशन सवेरा”: नशे के अंधकार से उजाले की ओर, सहारनपुर परिक्षेत्र पुलिस की ऐतिहासिक कार्रवाई
सहारनपुर परिक्षेत्र की पुलिस ने समाज को नशे के जाल से मुक्त कराने और युवाओं को सुरक्षित भविष्य देने के उद्देश्य से “ऑपरेशन सवेरा” अभियान के तहत बड़ी सफलता हासिल की है। “ऑपरेशन सवेरा” का मुख्य उद्देश्य मादक पदार्थों की तस्करी, उसके अवैध कारोबार और उससे जुड़े अपराधियों पर कड़ा प्रहार करना है। इस अभियान के अंतर्गत 04 सितम्बर 2025 तक सहारनपुर परिक्षेत्र के तीनों जनपदों—सहारनपुर, मुजफ्फरनगर और शामली की पुलिस ने संयुक्त रूप से विशेष छापेमारी अभियान चलाकर अब तक कुल 104 अभियुक्तों को गिरफ्तार किया है। पुलिस की इस कार्यवाही के दौरान लगभग 13,30,35,370/- रुपये (तेरह करोड़, तीस लाख, पैंतीस हजार, तीन सौ सत्तर रुपये) मूल्य के मादक पदार्थ बरामद किए गए हैं, जो अपने आप में एक बड़ी उपलब्धि है। बरामदगी में सबसे उल्लेखनीय है 6.556 किलोग्राम स्मैक, जिसकी अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमत करोड़ों में आंकी जाती है। इसके अलावा चरस, गांजा, अफीम, नशीली गोलियां और इंजेक्शन जैसी अवैध वस्तुएं भी बड़ी मात्रा में जब्त की गई हैं।
सहारनपुर परिक्षेत्र के पुलिस अधिकारियों ने बताया कि यह अभियान प्रदेश स्तर पर चल रहे व्यापक मिशन का हिस्सा है, जिसका लक्ष्य युवाओं को नशे की गिरफ्त से बचाना और समाज को मादक पदार्थों की त्रासदी से मुक्त कराना है। हाल के वर्षों में यह देखा गया है कि नशा केवल व्यक्तिगत जीवन को बर्बाद नहीं करता, बल्कि पारिवारिक और सामाजिक संरचना को भी कमजोर कर देता है। नशे के कारण होने वाले अपराध, सड़क हादसे और पारिवारिक कलह समाज के लिए गंभीर खतरा बन चुके हैं। इसी पृष्ठभूमि में “ऑपरेशन सवेरा” की शुरुआत की गई, ताकि नशे के अंधकार से निकलकर लोग जीवन के उजाले की ओर बढ़ सकें।
अभियान के दौरान पुलिस ने न केवल मादक पदार्थों की तस्करी करने वालों को पकड़ा बल्कि उनके नेटवर्क को भी ध्वस्त करने की दिशा में कदम उठाए हैं। ड्रग माफिया से जुड़े कई बड़े सरगनाओं को गिरफ्तार किया गया है, जबकि कुछ फरार अपराधियों की तलाश जारी है। पुलिस ने उनकी संपत्तियों की जांच और कुर्की की प्रक्रिया भी शुरू की है, जिससे अवैध धन तंत्र को जड़ से खत्म किया जा सके। इसके अलावा, पुलिस ने उन स्थानों पर भी लगातार निगरानी बढ़ा दी है जहां नशे का अवैध कारोबार पनपता है, जैसे—बस अड्डे, रेलवे स्टेशन, और भीड़भाड़ वाले बाजार क्षेत्र।
“ऑपरेशन सवेरा” में पुलिस की रणनीति बेहद सटीक और वैज्ञानिक रही। आधुनिक तकनीक, खुफिया तंत्र और साइबर सेल की मदद से पुलिस ने नशा कारोबारियों की गतिविधियों का पता लगाया। कई जगहों पर पुलिस ने अंडरकवर ऑपरेशन भी चलाए, जिससे नेटवर्क की जड़ तक पहुंचने में सफलता मिली। छापेमारी में पुलिस की कई टीमें एक साथ अलग-अलग ठिकानों पर पहुंचीं, ताकि अपराधियों को भागने का कोई मौका न मिल सके। इन सब प्रयासों का नतीजा यह रहा कि करोड़ों की कीमत के नशे का माल जब्त किया गया और बड़ी संख्या में अपराधी जेल की सलाखों के पीछे पहुंच गए।
स्थानीय नागरिकों ने इस अभियान का स्वागत किया है और पुलिस की इस निर्णायक कार्रवाई की सराहना की है। लोगों का कहना है कि नशे का धंधा युवाओं के भविष्य को निगल रहा था और समाज को खोखला बना रहा था। ऐसे में पुलिस की इस ऐतिहासिक सफलता से अपराधियों के हौसले पस्त हुए हैं और आम जनता का भरोसा कानून-व्यवस्था पर और मजबूत हुआ है। कई सामाजिक संगठनों ने भी पुलिस को सहयोग देने का आश्वासन दिया है और लोगों से अपील की है कि नशे के खिलाफ इस जंग में वे भी जागरूक बनें और पुलिस को सूचना देकर मदद करें।
पुलिस अधिकारियों का कहना है कि यह केवल शुरुआत है। “ऑपरेशन सवेरा” को और अधिक सख्ती और मजबूती के साथ आगे बढ़ाया जाएगा। आने वाले समय में नशा कारोबारियों की संपत्ति जब्त करने, गिरोहबंदी अधिनियम लगाने और उनकी आर्थिक रीढ़ तोड़ने की कार्यवाही और तेज की जाएगी। साथ ही, समाज में जनजागरूकता फैलाने के लिए विशेष अभियान चलाए जाएंगे। स्कूल, कॉलेज और मोहल्लों में जाकर लोगों को नशे के दुष्परिणाम बताए जाएंगे, ताकि कोई भी युवा नशे की गिरफ्त में न फंस सके।
कुल मिलाकर, “ऑपरेशन सवेरा” सहारनपुर परिक्षेत्र की पुलिस के लिए एक ऐतिहासिक उपलब्धि है, जिसने न केवल अपराधियों पर कड़ा प्रहार किया है बल्कि समाज को यह संदेश भी दिया है कि नशे के अंधकार को खत्म कर ही उजाले की ओर कदम बढ़ाए जा सकते हैं। यह अभियान आने वाली पीढ़ियों को नशामुक्त और स्वस्थ जीवन देने की दिशा में मील का पत्थर साबित होगा।
✍️ रिपोर्ट : एलिक सिंह
संपादक – वंदे भारत लाइव टीवी न्यूज़
उत्तर प्रदेश महामंत्री – भारतीय पत्रकार अधिकार परिषद
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