हजारा । पीलीभीत जनपद के ट्रांस शारदा क्षेत्र में स्थित एकमात्र ऐतिहासिक गुरुद्वारा नानक साहिब खजूरिया सिद्धनगर में रविवार को श्री गुरु ग्रंथ साहिब का 420 वां प्रकाश पर्व बड़ी श्रद्धा भावना तथा सत्कार के साथ मनाया गया। इस अवसर पर धार्मिक दीवान का भी आयोजन किया गया था। इस मौके पर गुरुद्वारा साहिब में काफी संख्या में पहुंची संगत ने श्री गुरु ग्रंथ साहिब के सामने मत्था टेक कर अपनी व अपने परिवार की सुख शांति की कामना कर प्रसाद ग्रहण किया।
यहां आपको बता दें कि श्री गुरु ग्रंथ साहिब के पहले प्रकाश पर्व को समर्पित शुक्रवार से प्रारंभ किये गये श्री अखंडपाठ साहिब का समापन रविवार को गुरुद्वारा साहिब के मुख्य ग्रंथी बाबा बलजीत सिंह के द्वारा अरदास करने के बाद किया गया था। इस दौरान मुख्य ग्रंथी बाबा बलजीत सिंह ने श्री गुरु ग्रंथ साहिब में दर्ज बांणी, शिक्षाओं एंव उनकी सम्पूर्णता के साथ साथ उनके पहले प्रकाश पर्व दिवस के इतिहास से संगत को अवगत कराया।
वहीं धार्मिक दीवान में पहुंचे सिक्ख पंथ के कीर्तनी जत्थे भाई हरजीत सिंह लखीमपुर खीरी वालों ने श्री गुरु ग्रंथ साहिब की महिमा का बखान करते हुए बताया कि श्री गुरु ग्रंथ साहिब का पहला प्रकाश सिक्खों के पांचवे गुरु श्री गुरु अर्जुनदेवजी ने श्री हरमंदिर साहिब अमृतसर में सन 1604 को किया था। और उन्होंने बाबा बुड्डा जी को पहला मुख्य ग्रंथी नियुक्त किया था।आगे उन्होंने कहा कि श्री गुरु ग्रंथ साहिब दस गुरु साहिबान की ज्योत है। इसलिए सिक्खों को श्री गुरु ग्रंथ साहिब के सामने अपना शीश नवाना चाहिए। इस अवसर पर गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी की ओर से लंगर की विशेष व्यवस्था की गई थी। जिसे सेवादारों के द्वारा अटूट वरताया गया था। इस दौरान मौके पर मुख्य रूप से जत्थेदार बाबा दीपा सिंह, गुरूद्वारा साहिब के मुख्य ग्रंथी बाबा बलजीत सिंह के साथ साथ गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष रणजीत सिंह, उपाध्यक्ष महेंद्र सिंह, मैनेजर सतनाम सिंह, पूर्व उप प्रधान दलबीर सिंह, स्टेज सेक्रेटरी सतनाम सिंह, गुरमेज सिंह, पूर्व उप प्रधान निशान सिंह समेत तमाम लोग मौजूद रहे थे।