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इटवा तहसील में बच्चों ने धरना दिया

बोले-श्यामराजी हाईस्कूल को खोला जाए, बच्चों को बाहर बैठाने पर प्रशासन ने सील करवाया था

इटवा के श्यामराजी हाईस्कूल बरगदवा के सैकड़ों बच्चों ने सोमवार को इटवा तहसील कार्यालय परिसर में धरना दिया। बच्चों के अभिभावक भी उनके साथ मौजूद थे। बच्चों और अभिभावकों का आरोप है कि स्कूल को बंद कर दिया गया है, जहां उन्हें न केवल पढ़ाई बल्कि खेलकूद, ज्ञान विज्ञान प्रतियोगिताएं और अन्य बड़े पुरस्कार भी मिलते थे।

बच्चों ने बताया कि 1 अक्टूबर को फीस जमा न करने पर कुछ छात्रों को बाहर बैठाया गया था, लेकिन बाद में उन्हें कक्षा में भेज दिया गया। इसके बाद वीडियो वायरल होनेपर विद्यालय में ताला लगा दिया गया, जिससे उनकी पढ़ाई बाधित हो रही है। बच्चे हाथ जोड़ कह रहे थे कि उनके सीनियर से गलती हो गई है, इसलिए उन्हें क्षमा किया जाए।

धरने में शामिल बच्चों ने कहा कि स्कूल बंद होने के कारण वे इधर-उधर घूम रहे हैं। उन्हें सरकारी मास्टरों ने प्राइमरी स्कूल में पढ़ने का सुझाव दिया, लेकिन उन्होंने स्पष्ट किया कि वे वहां नहीं जाएंगे। उनका कहना है कि विद्यालय का ताला खोला जाए ताकि उन्हें वहीं पढ़ाई जारी रखने दी जाए।

अभिभावकों ने भी कहा कि यदि स्कूल को बिना मान्यता के बंद किया गया है, तो जिले में 190 अन्य स्कूल भी बिना मान्यता के चल रहे हैं। उनका सुझाव है कि या तो सभी को बंद किया जाए या श्यामराजी हाईस्कूल का ताला खोला जाए।

धरने में शामिल बच्चों ने कहा कि स्कूल बंद होने के कारण वे इधर-उधर घूम रहे हैं। उन्हें सरकारी मास्टरों ने प्राइमरी स्कूल में पढ़ने का सुझाव दिया, लेकिन उन्होंने स्पष्ट किया कि वे वहां नहीं जाएंगे। उनका कहना है कि विद्यालय का ताला खोला जाए ताकि उन्हें वहीं पढ़ाई जारी रखने दी जाए।

क्या है मामला

1 अक्टूबर को श्यामराजी हाईस्कूल में करीब 100 बच्चों को फीस न जमा करने के कारण बाहर धूप में बैठाया गया। इसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, जिसके बाद डीएम ने जांच के लिए दो सदस्यीय टीम का गठन किया। जांच में पता चला कि विद्यालय की मान्यता नहीं है, जिसके बाद बीएसए और बीइओ ने विद्यालय में ताला लगवाया और संचालक के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया। तब से स्कूल बंद है।

एसडीएम कल्याण सिंह मौर्य ने कहा कि बच्चों को तहसील परिसर में लाकर दबाव बनाना गलत है। उन्होंने बच्चों को सभागार में बैठाया और उनके लिए जलपान की व्यवस्था की। छात्रों और अभिभावकों को समझाया गया कि वे आसपास

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