संवाददात अखिलेश विश्वकर्मा गढ़वा श्री बंशीधर नगर से .श्री ठाकुर अनुकूल चन्द्र जी के शिष्यों द्वारा शनिवार को संध्या समय सत्संग उपासना केंद्र उर्जित्पा में सत्संग का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम का शुभारंभ शंख ध्वनि,दीप प्रज्वलन,तथा वंदे पुरुषोत्तम ध्वनि के साथ किया गया। तत्पश्चात सामूहिक संध्याकालीन प्रार्थना, समवेत नामजप ध्यान, सत्यानुसरण ग्रन्थ पाठ, नारीनीति ग्रन्थ पाठ किया गया। धृति सुंदर लाल, अखिलेश दा,माला माँ, सुप्रिया कुमारी ,अनिता देवी के द्वारा भक्ति मूलक भजन प्रस्तुत किया गया।
इष्टचर्चा करते हुए सत्संगी अजय दा ने कहा कि मनुष्य का लक्ष्य होता है, ईश्वर की प्राप्ति करना। ईश्वर की प्राप्ति के लिए मनुष्य को वर्तमान पुरुषोत्तम श्री श्री ठाकुर अनुकूल चन्द्र जी का शरण में जाकर उनके द्वारा प्रदत सतनाम को ग्रहण करना चाहिए। ऋत्विक विजय नंदन सिन्हा ने सत्संग की महिमा का वर्णन करते हुए कहा कि सत्संग सभी लोगों के लिए आवश्यक है,सत्संग में सभी देवता गण उपस्थित रहते हैं, इसलिए सत्संग सर्वोतम स्वर्ग है।
वर्तमान पुरुषोत्तम का सत्संग मानव जीवन का उद्धार का एक साधन है।सभी ऋषि तपस्वियों को सत्संग से ही जीवन सार्थक हुआ है।सत्संग का संचालन कर रहे ऋत्विक धृति सुंदर लाल ने कहा कि आदर्श में गहरा विश्वास होनी चाहिए।गहरे विश्वास से अपने गुरु के प्रति निष्ठा ,भक्ति आती है और भक्ति से अनुभूति तथा ज्ञान की प्राप्ति होती है। उन्होंने विश्वास, निष्ठा,भक्ति,अनुभूति,तथा ज्ञान का विस्तृत वर्णन किया। रविवार को अजय दा के निवास स्थान पर सत्संग सह भंडारा का आयोजन किया गया।कार्यक्रम में गोविन्द दा, संजय दा, शक्ति दास सिन्हा,अरुण बिहारी दा, पप्पू जायसवाल,राज कुमार दा, धृति दीप, सुजय विजय,आदित्य,बृंदा देवी ,चंचला गुप्ता ,प्रतिमा देवी,सतवंती देवी,निर्मला मां, संगीता देवी,दीपमाला अंबष्ट,मधु अंबष्ट सहित अन्य लोग उपस्थित थे।जय उदघोष के साथ कार्यक्रम का विश्राम किया गया।