अहिल्यानगर, 04 जुलाई: अहिल्यानगर जिले के श्रीरामपुर तालुका में सामाजिक वनीकरण विभाग द्वारा मातापुर से कारेगांव रोड के दोनों ओर किए गए वृक्षारोपण कार्य में भारी आर्थिक अनियमितता और भ्रष्टाचार का आरोप सामने आया है। इस मामले की गहराई से जांच की मांग की गई है। इस संबंध में विभागीय वन अधिकारी और अन्य उच्च अधिकारियों को शिकायत पत्र सौंपा गया है।
मिली जानकारी के अनुसार, ‘मातापुर से कारेगांव सड़क के दोनों किनारों पर वृक्षारोपण’ इस कार्य में मजदूरों की उपस्थिति को लेकर घोटाला हुआ है। शिकायतकर्ताओं के अनुसार, दैनिक उपस्थिति रजिस्टर में दर्ज मजदूरों के स्थान पर अन्य व्यक्तियों के फोटो जोड़कर फर्जी उपस्थिति दर्शाई गई है। यह सरकारी निधि का दुरुपयोग है और भ्रष्टाचार का गंभीर मामला है।
इस शिकायत के साथ मजदूरों के कार्य स्थल के फोटो और दर्ज उपस्थिति रिपोर्ट जैसे सबूत प्रस्तुत किए गए हैं। शिकायतकर्ताओं का दावा है कि सामाजिक वनीकरण विभाग के संबंधित अधिकारियों, विशेष रूप से वनपरिक्षेत्र अधिकारी (म. कोळी), सामाजिक वनीकरण, श्रीरामपुर ने, काम पर मजदूरों की अनुपस्थिति के बावजूद झूठी उपस्थिति दर्शाकर भ्रष्टाचार किया है।
इस गंभीर प्रकरण को संज्ञान में लेते हुए, श्रीरामपुर सामाजिक वनीकरण विभाग द्वारा की गई वित्तीय अनियमितताओं और भ्रष्टाचार की तुरंत और निष्पक्ष जांच की मांग की गई है। साथ ही, इस मामले में दोषी पाए गए सभी संबंधित अधिकारी एवं कर्मचारियों पर, विशेष रूप से वनपरिक्षेत्र अधिकारी (म. कोळी), श्रीरामपुर पर, भारतीय दंड संहिता और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत सख्त कानूनी कार्रवाई करने की भी मांग की गई है।
इसी प्रकार की संभावित अनियमितताओं को रोकने के लिए श्रीरामपुर तालुका में सामाजिक वनीकरण विभाग द्वारा किए गए सभी वृक्षारोपण एवं संबंधित कार्यों की व्यापक जांच (ऑडिट) करने की मांग की गई है, ताकि भविष्य में इस प्रकार के भ्रष्टाचार को रोका जा सके और सरकारी निधि का सही उपयोग सुनिश्चित किया जा सके। साथ ही, इस जांच की रिपोर्ट और उस पर की गई कार्रवाई की जानकारी शिकायतकर्ताओं को दी जाए, ऐसी अपेक्षा भी व्यक्त की गई है।
यह शिकायत शिवाजी दांडगे, सुधीर तुपे और राजेश बोरुडे द्वारा संयुक्त रूप से प्रस्तुत की गई है। इस शिकायत की प्रति मुख्यमंत्री, वन मंत्री, प्रधान मुख्य वन संरक्षक और जिलाधिकारी, अहिल्यानगर को भी जानकारी हेतु भेजी गई है। अब यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि इस गंभीर मामले में सरकार क्या कार्रवाई करती है।