छत्तीसगढ़ आदिवासी समुदाय के व्दारा गोंडी भाषा, लिपि को पुनर्जीवित करने के लिए भरपुर प्रयास किया जा रहा है। छत्तीसगढ़ में ज्यादातर आदिवासी समुदाय के लोग रहते हैं,व निवास करते हैं। परन्तु बस्तर संभाग से थोड़ा हटकर देखें तो आदिवासी समुदाय गोंडी भाषा को लिपि को जानते तो हैं । परन्तु बोल नहीं पाते,इसी गोंडी भाषा लिपि को आदिवासी समुदाय व युवाओं के व्दारा लोगों तक पहुंचाने का कार्य किया जा रहा है।इसी गोंडी भाषा लिपि का 6दिवशीय प्रशिक्षण ओडिशा में आयोजित किया गया था व इस प्रशिक्षण में कई राज्य व जिलों के युवा शामिल हुए तथा अपने क्षेत्र में किस प्रकार इसे लोगों तक पहचाना है इसके बारे में बताया गया।
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