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प्रधान सचिव, पेयजल एवं स्वछता विभाग झारखण्ड सरकार की अध्यक्षता में जल जीवन मिशन एवं स्वच्छ भारत मिशन की समीक्षात्मक बैठक संपन्न

योजनाओं में धीमी प्रगति पर जताई नाराजगी, संबंधित पदाधिकारियों को लगाई फटकार, कार्य में तेजी लाने का निदेश

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संवाददाता अखिलेश विश्वकर्मा गढ़वा : प्रधान सचिव, पेयजल एवं स्वच्छता विभाग, झारखंड सरकार, मस्त राम मीणा की अध्यक्षता में जल जीवन मिशन एवं स्वच्छ भारत मिशन अंतर्गत संचालित योजनाओं एवं गतिविधियों की प्रगति की समीक्षात्मक बैठक समाहरणालय सभागार में आयोजित की गई। बैठक में फंक्शनल हाउसहोल्ड टैप कनेक्शन (FHTC) की प्रगति, विलेज वाटर एवं सेनिटेशन कमिटी (VWSC) के गठन, जल सहिया द्वारा जल गुणवत्ता परीक्षण, योजनाओं का जियो टैगिंग एवं अब तक छूटे हुए घरों को योजना से जोड़ने जैसे महत्वपूर्ण बिंदुओं पर विस्तृत समीक्षा की गई।

वैसे प्रखंड जिनमें योजना का कार्य लक्ष्य के अनुरूप नहीं हो रहा है एवं योजनाओं की प्रगति धीमी है, पर गहरी चिंता व्यक्त करते हुए सभी संबंधित अधिकारियों को कड़ी फटकार लगाई एवं सभी कार्यों को निर्धारित समय सीमा के भीतर अनिवार्य रूप से पूर्ण करने के निर्देश दिए गए तथा कार्यों में सुधारात्मक प्रगति लाने की बात कही गई। प्रधान सचिव श्री मीणा ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि जल जीवन मिशन के तहत प्रत्येक परिवार तक फंक्शनल हाउसहोल्ड टैप कनेक्शन (FHTC) समयबद्ध तरीके से उपलब्ध कराया जाए तथा योजनाओं का जियो टैगिंग सुनिश्चित हो।

समीक्षा के क्रम में प्रधान सचिव ने स्पष्ट रूप से कहा कि जो संवेदक समय पर कार्य पूर्ण नहीं कर रहे हैं उनके विरुद्ध कार्रवाई करें तथा कार्य में लापरवाही बरतने वाले कनीय अभियंताओं (JE) को कार्य में तेज प्रगति हेतु सख़्त चेतावनी दी गई कि कार्य में ढ़िलाई एवं लापरवाही पाए जाने पर कड़ी कार्रवाई सुनिश्चित की जायेगी। प्रखंडवार किए जा रहें जल गुणवत्ता परीक्षण की समीक्षा करते हुए प्रधान सचिव ने कार्यपालक अभियंता को निर्देशित करते हुए कहा कि जल जीवन मिशन का मुख्य उद्देश्य हर ग्रामीण परिवार को शुद्ध एवं सुरक्षित पेयजल उपलब्ध कराना है।

फलस्वरूप जल गुणवत्ता जांच की प्रक्रिया में किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। इस दिशा में उन्होंने कहा कि जल सहिया द्वारा किए जा रहे जल गुणवत्ता परीक्षण की नियमित मॉनिटरिंग सुनिश्चित की जाए, ताकि किसी भी स्तर पर पानी की गुणवत्ता से समझौता न हो। उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिया कि प्रत्येक श्रोत और वितरण प्रणाली से पानी की समय-समय पर जांच की जाए तथा जांच रिपोर्ट को पारदर्शी तरीके से अभिलेखित भी किया जाए। उन्होंने योजना में संलग्न पदाधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि जल जीवन मिशन की सफलता ग्रामीण जनता की सहभागिता और पारदर्शी कार्यशैली पर निर्भर करती है, इसलिए सभी स्तरों पर जवाबदेही तय कर कार्य निष्पादन की गति को तेज किया जाए।

समीक्षा के क्रम में कार्यपालक अभियंता, सहायक अभियंता एवं कनीय अभियंता समेत संबंधित को उनकी कार्यशैली में सुधार लाने की कड़ी हिदायत दी गई। उन्होंने स्पष्ट कहा कि यदि निर्धारित मानकों एवं समयसीमा के अनुरूप कार्य में सुधार नहीं लाया गया, तो विभागीय स्तर पर कठोर कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।

उक्त बैठक के समाप्ति के घोषणा उपरांत उपायुक्त दिनेश कुमार यादव के द्वारा प्रधान सचिव, पेयजल एवं स्वच्छता विभाग झारखंड सरकार, अभियान निदेशक एवं निदेशक, जल जीवन मिशन झारखंड सरकार को स्मृति चिन्ह एवं शॉल भेंट किया गया।

उक्त समीक्षात्मक बैठक में मुख्य रूप से अभियान निदेशक, जल जीवन मिशन झारखण्ड सरकार रमेश घोलप, उपायुक्त दिनेश कुमार यादव, स्वच्छ भारत मिशन के निदेशक मनोहर मरांडी, अपर समाहर्ता राज महेश्वरम, अधीक्षण अभियंता राजमोहन सिंह, कार्यपालक अभियंता पेयजल एवं स्वच्छता प्रमंडल अजय कुमार सिंह, सभी प्रखंड विकास पदाधिकारी, पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के सहायक अभियंता एवं सभी कनीय अभियंता, स्वच्छ भारत मिशन से संबंधित स्टेट कोऑर्डिनेटर, डिस्ट्रिक्ट कोऑर्डिनेटर एवं संबंधित कर्मी आदी उपस्थिति थें।

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