
प्रेस विज्ञप्ति
राष्ट्रीय शूटिंग बॉल प्रतियोगिता 2025 : बोधगया में खेल और संस्कृति का अद्भुत संगम
बोधगया, 23 अगस्त।
महाबोधि की ऐतिहासिक और आध्यात्मिक धरती इस बार खेल और संस्कृति के अद्भुत संगम की गवाह बनी। कालचक्र मैदान में आयोजित राष्ट्रीय शूटिंग बॉल प्रतियोगिता 2025 में देशभर से आए 1260 खिलाड़ियों की उपस्थिति ने पूरे बोधगया को खेल भावना और सांस्कृतिक उत्सव से सराबोर कर दिया।
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बारिश बनी चुनौती, लेकिन जोश रहा कायम
22 अगस्त को उद्घाटन समारोह होना तय था, लेकिन मूसलाधार बारिश ने पूरा मैदान जलमग्न कर दिया। उद्घाटन टालना पड़ा, पर खिलाड़ियों और आयोजकों का हौसला नहीं टूटा।
स्थानीय प्रशासन और आयोजन समिति ने तत्काल वैकल्पिक व्यवस्था की और 23 अगस्त को पूरे वैभव और उल्लास के साथ प्रतियोगिता का सफल शुभारंभ हुआ।
खिलाड़ियों ने एक स्वर में कहा—
“बारिश हमें रोक नहीं सकती, खेल भावना हमारी सबसे बड़ी ताकत है।”
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बिहार की बेटियों का जलवा
प्रतियोगिता का सबसे आकर्षक पहलू रहा बिहार की बालिका टीम का प्रदर्शन।
पहले मैच में बिहार ने तमिलनाडु को हराया।
दूसरे मैच में गुजरात को मात देकर अगले दौर में जगह बनाई।
टीम कप्तान ने कहा—
“यह जीत सिर्फ हमारी नहीं, पूरे बिहार की है।”
महिला खिलाड़ियों की सफलता ने पूरे आयोजन में उत्साह की नई लहर दौड़ा दी। दर्शक लगातार तालियों और नारों से खिलाड़ियों का उत्साहवर्धन करते रहे। विशेषज्ञों ने कहा कि बिहार की टीम इस बार खिताब जीतने की प्रबल दावेदार है।
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सांस्कृतिक धरोहर की झलक और मेहमाननवाज़ी
शूटिंग बॉल प्रतियोगिता में सिर्फ खेल ही नहीं, बल्कि संस्कृति की छटा भी बिखरी।
किलकारी बिहार बाल भवन की बच्चियों ने आदिवासी नृत्य व स्वागतगान प्रस्तुत कर दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया।
मार्च पास्ट में 1260 खिलाड़ियों का अनुशासित प्रदर्शन हुआ। हर राज्य का ध्वज और परिधान आकर्षण का केंद्र बने।
बिहार की सांस्कृतिक प्रस्तुति में लोकगीत, बांसुरी वादन और पारंपरिक स्वागत शामिल रहा।
मेहमानों का स्वागत बिहार के स्वाद से किया गया। खिलाड़ियों और प्रतिनिधियों को परोसा गया—
लिट्टी-चोखा, सिलाव का खाजा, गया का तिलकुट और फलाहार की विविधता।
देशभर से आए प्रतिनिधियों ने इस आतिथ्य की सराहना करते हुए कहा कि बिहार ने अपनी संस्कृति और मेहमाननवाज़ी का परिचय बखूबी कराया।
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गरिमामयी उपस्थिति और प्रेरक विचार
समारोह में कई महत्वपूर्ण अतिथि उपस्थित रहे, जिनमें प्रमुख हैं—
श्रीमती महाश्वेता – बीटीएमशि की सचिव
श्री मनोज महान्त – महाबोधि मंदिर के मुख्य पुजारी
श्री रवीन्द्र सिंह तोमर – एशिया शूटिंग बॉल महासंघ के अध्यक्ष-सचिव
श्री जीतराज तोमर – भारतीय शूटिंग बॉल संघ के महासचिव
श्री बिनोद कुमार सिंह – बिहार शूटिंग बॉल एसोसिएशन के सचिव
श्री अर्विन्द सिंह – आयोजन अध्यक्ष
महाश्वेता जी ने कहा—
“खेल युवाओं को अनुशासन और नई ऊर्जा देते हैं।”
मनोज महान्त ने कहा—
“बोधगया जैसे पावन स्थल पर खेल और संस्कृति का मिलन एक ऐतिहासिक अवसर है।”
आयोजन अध्यक्ष अर्विन्द सिंह ने कहा—
“हमारा प्रयास सिर्फ खेल प्रतियोगिता तक सीमित नहीं है, बल्कि संस्कृति और परंपरा को भी नई पहचान दिलाना है।”
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प्रायोजक संस्थानों का योगदान
इस प्रतियोगिता के आयोजन में कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय संस्थानों ने महत्वपूर्ण सहयोग दिया है। प्रमुख प्रायोजक हैं—
जवाहरलाल नेहरू पोर्ट, मुंबई
पारादीप पोर्ट, ओडिशा
विशाखापत्तनम पोर्ट, आंध्र प्रदेश
वी.ओ.सी. पोर्ट, तमिलनाडु
सीएमए सीजीएम
सावन एनर्जी
एमएससी इंडिया
इन संस्थानों द्वारा खिलाड़ियों को सहयोग और प्रोत्साहन प्रदान किया जा रहा है, जिससे प्रतियोगिता को सफल बनाने में बड़ी मदद मिली है।
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खिलाड़ियों के लिए विशेष व्यवस्था
खिलाड़ियों एवं प्रतिनिधियों के लिए स्थानीय होटलों और गेस्ट हाउसों में ठहरने की उत्तम व्यवस्था की गई।
भोजन व्यवस्था में बिहार के स्थानीय व्यंजन शामिल किए गए।
मेडिकल सुविधा, स्वच्छ पानी और सुरक्षा के पुख्ता इंतज़ाम किए गए।
खिलाड़ियों को बोधगया की ऐतिहासिक और धार्मिक धरोहर से भी परिचित कराया जा रहा है।
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अंतरराष्ट्रीय आयोजन की ओर कदम
उद्घाटन समारोह में मुख्य अतिथि ने बोधगया में अंतरराष्ट्रीय शूटिंग बॉल मैच आयोजित करने का प्रस्ताव रखा। खिलाड़ियों और विशेषज्ञों ने इस पहल का स्वागत किया और कहा कि इससे बिहार खेल मानचित्र पर और मजबूती से दर्ज होगा।
आयोजन समिति का विश्वास है कि यह प्रतियोगिता खिलाड़ियों के जीवन में “मील का पत्थर साबित होगी।”
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खेल का महत्व : डॉ. प्रेम कुमार का वक्तव्य
इस अवसर पर बिहार भाजपा के वरीय नेता एवं सहकारिता मंत्री डॉ. प्रेम कुमार ने कहा—
“खेल जीवन का अभिन्न अंग है। इससे शरीर पुष्ट और मजबूत होता है, मन प्रसन्न रहता है और जीवन में अनुशासन व भाईचारे की भावना विकसित होती है। Health is Wealth और स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ मन का वास होता है।”
बदलते दौर में खेल की भूमिका
उन्होंने अफसोस जताया कि आज के युवा मोबाइल और वीडियो गेम्स में व्यस्त हैं, जबकि पारंपरिक खेल शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए जरूरी हैं। स्वामी विवेकानंद के कथन का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि “युवाओं को पढ़ाई के साथ-साथ खेलों में भी भाग लेना चाहिए।”
बिहार और केंद्र सरकार की पहल
डॉ. कुमार ने बताया—
बिहार में राजगीर स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी की स्थापना की गई।
इसमें 35% आरक्षण महिलाओं के लिए है।
प्रत्येक जिले में स्टेडियम निर्माण और प्रखंड स्तर पर खेल मैदान की योजना लागू है।
खिलाड़ियों के लिए छात्रवृत्ति, शिक्षा व नौकरी में कोटा और आरक्षण उपलब्ध है।
केंद्र सरकार की योजनाओं में—
फिट इंडिया मूवमेंट, खेलो इंडिया योजना, खेल प्रतिभा खोज पोर्टल, राष्ट्रीय खेल विकास कोष, राष्ट्रीय खेल पुरस्कार योजना, अर्जुन पुरस्कार, द्रोणाचार्य पुरस्कार, मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार प्रमुख हैं।
खेल से बदल रहा भारत
डॉ. कुमार ने कहा—
“खेल सिर्फ मनोरंजन नहीं, बल्कि राष्ट्र निर्माण का साधन है। आज भारत के खिलाड़ी ओलंपिक, एशियाई और कॉमनवेल्थ खेलों में पदक जीतकर देश का मान बढ़ा रहे हैं। खेल से भारत का भाग्य बदल रहा है।”
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निष्कर्ष
बोधगया में आयोजित राष्ट्रीय शूटिंग बॉल प्रतियोगिता 2025 ने यह साबित कर दिया कि बिहार न केवल खेल प्रतिभाओं का गढ़ है, बल्कि संस्कृति और परंपरा का भी जीवंत केंद्र है।
यह आयोजन खिलाड़ियों, दर्शकों और पूरे देश के लिए ऊर्जा, अनुशासन और गौरव का प्रतीक बनकर यादगार रहेगा। उक्त बात की जानकारी जन मानस फाउंडेशन के सचिव विजय कुमार ने दी
त्रिलोकी नाथ डिस्ट्रिक्ट डिवीज़न हेड गया
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