
उत्तम मार्दव- डॉ एच सी विपिन कुमार जैन
उत्तम मार्दव के कुछ बातों का स्मरण, मनन और मनन करना चाहिए। इस संसार में मनुष्य ने अनेक बार नीचे योनियों में जन्म लिया। उच्च योनियों एवं निम्न योनियों दोनों ही शाश्वत नहीं है। उच्च योनियों में जन्म लेने पर भी वह नष्ट हो जाती हैं। कभी-कभी निम्न योनियों में जन्म मिलता है। इस संसार में अनेक विशेष जातियां कल और संप्रदाय के लोग रहते हैं।
इसलिए मनुष्य का अभिमान करना या अहंकार करना व्यर्थ है। जो मनुष्य अपयश देने वाले दोषों को त्याग कर निर्दोष भाव से आचरण करता है, वही सच्चा स्वाभिमानी है।
परंतु सद्गुणों से रहित होने पर भी अभिमान करने के कारण कोई भी व्यक्ति स्वाभिमानी नहीं कहा जा सकता।
यह अभिमान और अहंकार इस जन्म में और अगले जन्मों में अनेक बुराइयों को जन्म देता है। इस बात को समझ कर सज्जन व्यक्ति अहंकार से मुक्त हो जाते हैं। मिथ्या अभिमान वाला व्यक्ति सर्वत्र अपमानित होता है। वह कभी भी श्रेष्ठ विचारों को नहीं पाल सकता।
डॉ एच सी विपिन कुमार जैन