
्पत्रकार ब्यूरो चीफ प्रैस रिपोर्टर राजीव सिकरवार वन्दे भारत लाइफ टीवी न्यूज आगरा उत्तर प्रदेश ्
अनोखी कुर्बानी =बकरे के चित्र वाला केक काटकर मनाई ईद
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जिनके खुद के किरदार में बेशुमार दाग हैं वह बेदाग बकरे की कुर्बानी के नाम पर हत्या कर रहा है= शेरवानी
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आगरा =जहां एक और बकरा ईद के मौके पर लोग एक से एक महंगा बकरा लाकर कुर्बानी कर रहे हैं वहीं एक ओर आगरा शाहगंज के आजम पाड़ा निवासी गुल चमन शेरवानी ने बकरे के चित्र वाला केक काटकर अनोखी कुर्बानी करते हुए जीव हत्या रोके जाने का संदेश दिया है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार 8 वर्ष पूर्व श्री शेरवानी ने एक छोटे से बकरे के बच्चे को पाला था उसका नाम कुर्बान रखा था जो कि परिवार के साथ ही परिवार के सदस्य की तरह रहता खाता पीता था जैसे-जैसे कुर्बान बड़ा हुआ और ईद आने लगी तो शेरवानी परिवार की हिम्मत नहीं हुई कुर्बान की कुर्बानी करने के लिए वैसे भी शेरवानी परिवार शुद्ध शाकाहारी है उन्होंने बीच का रास्ता निकाला और किसी मदरसे में जहां अनाथ बच्चे पढ़ते हैं कुर्बानी करने का इरादा बनाया लेकिन शेरवानी की पुत्र गुल वतन शेरवानी तथा पुत्री गुल सनम शेरवानी ने बकरे कुर्बान की कुर्बानी करने से साफ मना कर दिया बच्चों का कहना था ,कि अगर कुर्बान की कुर्बानी हुई तो वह अपनी जान दे देंगे ,ऐसे में शेरवानी परिवार ने कुर्बानी करने का इरादा टाल दिया ,और बकरे के चित्र वाला केक लाकर कुर्बानी की उसके बाद से ही श्री शेरवानी अपने परिवार के साथ हर वर्ष बकरे के चित्र वाला केक लाकर कुर्बानी करते हुए जीव हत्या रुक जाने का संदेश देते चले आ रहे हैं, श्री शेरवानी का कहना है कि अधिकतर लोग कुर्बानी के नाम पर अपनी दौलत की नुमाइश करते हुए जिनके किरदार में तमाम दाग हैं, वही लोग बेदाग बकरा की कुर्बानी के नाम पर हत्या कर देते हैं, जिस तरह कुर्बानी के लिए बेदाग जानवर तलाश जाता है इस तरह खुद का किरदार भी बेदाग होना चाहिए जुआ शराब अय्याशी करने वाले भाई बहनों का हक मरने वाले लोगों की कुर्बानी करना जीव हत्या करना जैसा है, अल्लाह ताला तो सिर्फ नाखून और बाल काटने वाले बेदाग आदमी की कुर्बानी कबूल कर लेता है फिर पैसे की नुमाइश करते हुए कुर्बानी के नाम पर जीव हत्या क्यों जीव हत्या करना उचित नहीं है श्री शेरवानी ने कहा कि अल्लाह ने अपनी राह में कुर्बानी देने के लिए कहा है जानवर की हत्या करने के लिए नहीं लोग अपने अंदर पाल रही बुराइयों को त्याग करने की शपथ लेकर भी ईद पर कुर्बानी दे सकते हैं अमीर लोगों को अल्लाह की राह में पैसा दौलत खर्च करना चाहिए अगर कोई शख्स बचपन से बकरे को का ले और उसकी कुर्बानी करें तो उसे अपने से अलग होने जुदाई होने का एहसास होगा, तभी कुर्बानी कबूल होती है ,और ऐसा करना संभव नहीं है।