**मामला क्या है?**
घटना **NMCH** के एक शवगृह (मॉर्चरी) से जुड़ी है, जहां पर मृतक के शव से आंख निकालने का आरोप नर्सों पर लगा है। इस घटना को लेकर एक रिपोर्ट सामने आई थी, जिसमें यह दावा किया गया था कि अस्पताल के कर्मचारियों ने एक शव से आंख निकाल ली थी। शव के परिवारवालों ने जब इसकी जानकारी ली, तो उन्होंने **सख्त आपत्ति** जताई और मामले की जांच की मांग की। इसके बाद यह मामला मीडिया में आ गया और हंगामा मच गया।
**कार्रवाई की शुरुआत**
मामले के सामने आने के बाद **NMCH प्रशासन** ने तुरंत एक जांच कमेटी का गठन किया। प्रारंभिक जांच के आधार पर अस्पताल के **2 नर्सों** को **सस्पेंड** कर दिया गया है। इन नर्सों पर शव से आंख निकालने और अन्य **अप्रिय घटनाओं** में शामिल होने का आरोप है। अस्पताल के प्रशासन ने मामले की गंभीरता को देखते हुए सस्पेंशन का कदम उठाया है और जांच को आगे बढ़ाने का आदेश दिया है।
**अस्पताल प्रशासन का बयान**
**NMCH के अस्पताल अधीक्षक** ने मामले की गंभीरता को स्वीकार करते हुए कहा कि यह घटना पूरी तरह से **निंदनीय** है और इसके दोषियों को किसी भी हालत में बख्शा नहीं जाएगा। उन्होंने यह भी बताया कि घटना की **गंभीरता** को देखते हुए अस्पताल प्रशासन ने जांच के आदेश दिए हैं और **कड़ी कार्रवाई** की जाएगी। अस्पताल में शवगृह की निगरानी में भी सुधार करने के प्रयास किए जाएंगे, ताकि ऐसी घटनाएं भविष्य में न हों।
**परिवार वालों का विरोध**
मृतक के परिवार वालों ने इस घटना को लेकर कड़ी आपत्ति जताई है। उन्होंने आरोप लगाया कि शव से आंख निकालने का यह कृत्य न केवल **मानवता का उल्लंघन** है, बल्कि **कानूनी अपराध** भी है। परिवार ने दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की और कहा कि उनके प्रियजन की **इज्जत और गरिमा** का उल्लंघन किया गया है। परिवार ने साथ ही यह भी कहा कि वे इस मामले को लेकर **कानूनी कदम** उठाने का विचार कर रहे हैं।
**सवालों के घेरे में अस्पताल की सुरक्षा व्यवस्था**
यह घटना अस्पताल की **सुरक्षा व्यवस्था** और **निगरानी प्रणाली** पर भी सवाल उठाती है। शवगृह में ऐसी घटनाएं कैसे हो सकती हैं, जबकि वहां सुरक्षा के लिए पुलिस और अन्य सुरक्षाकर्मी तैनात होते हैं? विशेषज्ञों का मानना है कि अस्पताल में **सुरक्षा व्यवस्था** को कड़ी निगरानी की जरूरत है, ताकि ऐसे असंवेदनशील कृत्य की पुनरावृत्ति न हो सके।
**नर्सों का बचाव**
सस्पेंड की गई नर्सों ने आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि उन्होंने कोई गलत काम नहीं किया है और यह आरोप **झूठे** हैं। उनके अनुसार, अस्पताल में कामकाजी परिस्थितियां तनावपूर्ण हैं और कभी-कभी **गलतफहमी** की स्थिति उत्पन्न हो जाती है। हालांकि, अभी तक अस्पताल प्रशासन ने इस बारे में कोई विस्तृत बयान जारी नहीं किया है।
**निष्कर्ष**
बिहार के **NMCH** अस्पताल में शव से आंख निकालने की घटना ने एक बार फिर **स्वास्थ्य सेवाओं** में पारदर्शिता और **मानवाधिकारों** के उल्लंघन के मुद्दे को उजागर किया है। इस घटना ने न केवल अस्पताल की सुरक्षा व्यवस्था को सवालों के घेरे में डाला है, बल्कि यह पूरे राज्य में चिकित्सा सुविधाओं के **गुणवत्ता और निगरानी** पर भी गंभीर चर्चा का कारण बना है। प्रशासन ने हालांकि तुरंत कार्रवाई करते हुए दोषियों के खिलाफ सस्पेंशन का कदम उठाया है, लेकिन इस मामले की जांच अब तक जारी है और आगे भी और कड़ी कार्रवाई की संभावना जताई जा रही है।