
सिद्धार्थनगर। प्रसव के दौरान महिलाओं की मौत रोकने के लिए वार रूम बनाया जा रहा है। वार रूम में उच्च जोखिम वाली गर्भवती महिलाओं की नियमित तौर पर खोज खबर ली जाएगी। अब उनके प्रसव का वक्त आएगा और परिवार की तरह सरकारी महकमा सहयोग के लिए तैयार मिलेगा।स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के अनुसार फिलहाल एक साल में 197 महिलाओं की मौत प्रसव के दौरान हो रही है, जबकि बेहतर स्वास्थ्य एवं देखभाल के जरिए इस मृत्यु दर को 50 से कम करने का लक्ष्य है।
जिलाधिकारी डॉ. राजा गणपति आर ने मातृ व शिशु मृत्यु दर में कमी लाने के लिए वार रूम बनाने का आदेश जारी किया है। प्रत्येक वॉर रूम में एक नोडल ऑफिसर के रूप में चिकित्साधिकारी को नामित किया जाएगा और तीन पालियों में कर्मिकों की ड्यूटी लगाई जाएगी। प्रत्येक पाली में एक चिकित्साधिकारी, स्टॉफ नर्स और कंप्यूटर ऑपरेटर की तैनाती होगी। वाॅर रूम के जरिए ऐसी महिलाओं को फोन कर सुरक्षित प्रसव की जानकारी दी जाएगी, जिनकी प्रसव तिथि एक सप्ताह के भीतर हो।
आरसीएच पोर्टल से प्रत्येक दिन लाभार्थियों की सूचना डाउनलोड की जाएगी। सात से नौ माह का गर्भधारण करने वाली महिलाओं को नियमित फोन कर, उनकी निगरानी की जाएगी।
निगरानी के दौरान मिलने वाली जानकारी को अलग रजिस्टर पर प्रतिदिन अंकित किया जाएगा। आदेश के अनुसार वॉर रूम के समुचित संचालन के लिए जनपद स्तर पर मास्टर ट्रेनर नियुक्त की नियुक्ति होगी, जो नोडल ऑफिसर को प्रशिक्षित करेंगे।