सिद्धार्थनगर। लोटन ब्लॉक में राजकीय इंटर कॉलेज नहीं होने के कारण छात्र-छात्राओं को पढ़ाई के लिए भटकना पड़ता है। कस्बे में एकमात्र प्राइवेट इंटर कॉलेज है, जिसमें पढ़ने के लिए दूर-दूराज के सैकड़ों छात्र-छात्राएं आते हैं।निजी विद्यालय की फीस अधिक होने से कई अभिभावक कक्षा आठ के बाद बच्चों की पढ़ाई बंद करा देते हैं। सरकारी इंटर कॉलेज के अभाव में छात्र-छात्राओं के लिए इंटर तक की शिक्षा भी नहीं हासिल हो पा रही है।
विद्यार्थियों से लेकर अभिभावकों ने संबंधित अधिकारियों से कई बार सरकारी इंटर कॉलेज खुलवाने की मांग की लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। स्थानीय लोगों का कहना है कि कस्बा में विज्ञान वर्ग से एक ही इंटर कॉलेज है, ग्रामीण क्षेत्र से आने वाली कई बालिकाओं की पढ़ाई तो कक्षा आठ के बाद ही बंद हो जाती है।
बालिका इंटर कॉलेज नहीं होने के कारण कुछ गरीब परिवार अपनी बच्चियों को प्राइवेट कॉलेजों में नहीं पढ़ा पाते। अधिकांश लोगों की जीविका का साधन कृषि है। कोई इंटर कॉलेज न होने से दूरदराज से आने वाले विद्यार्थियों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है, इसलिए कक्षा आठ के बाद ही पढ़ाई बंद हो जाती है। जबकि राजकीय कॉलेज में पढ़ाई करने के लिए छात्रों को 20 किमी दूर जिला मुख्यालय आना पड़ता है। बच्चियों को अकेले भेजने के डर से कई अभिभावक उनकी पढ़ाई छुड़वा देते हैं।