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*मध्य प्रदेश में 17 धार्मिक स्थलों पर 1 अप्रैल से शराबबंदी, सीएम मोहन यादव का बड़ा ऐलान*

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मंडला MP हेमंत नायक✍️

#मध्य प्रदेश में शराबबंदी को लेकर राज्य सरकार ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने 1 अप्रैल 2025 से राज्य के 17 धार्मिक स्थलों पर शराबबंदी लागू करने की घोषणा की है। यह आदेश 11 जिलों के 17 स्थानों पर लागू होगा, जो धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण माने जाते हैं। सीएम यादव का कहना है कि इन स्थानों को धार्मिक पर्यटन के केंद्र के रूप में विकसित किया जाएगा, ताकि लोग इन जगहों पर श्रद्धा और आस्था के साथ पवित्र यात्रा कर सकें।

*शराबबंदी का उद्देश्य*

सीएम मोहन यादव ने इस निर्णय का उद्देश्य स्पष्ट करते हुए कहा कि शराब की लत समाज में कई तरह की समस्याओं का कारण बन रही है। विशेष रूप से नशे की आदतें परिवारों को बर्बाद कर रही हैं और इसके कारण कई लोग सामाजिक और मानसिक कष्ट झेल रहे हैं। शराबबंदी की इस पहल से समाज में नशाखोरी की आदत को समाप्त करने का लक्ष्य है, ताकि परिवारों को शांति और सुख-समृद्धि मिल सके।

उन्होंने कहा, “हमारा संकल्प है कि जहां-जहां भगवान कृष्ण के चरण पड़े, जहां-जहां उनकी लीलाएं हुईं, उन सभी स्थानों को हम धार्मिक पर्यटन के केंद्र के रूप में विकसित करेंगे। इन स्थानों पर शराब की कोई भी बिक्री नहीं होगी, चाहे वह देशी हो या विदेशी।”

*धार्मिक स्थलों की सूची*

सीएम यादव ने यह भी बताया कि यह 17 स्थान मध्य प्रदेश के विभिन्न धार्मिक नगरों में फैले हुए हैं। इन स्थलों में शराब की बिक्री पर पूर्ण प्रतिबंध लगेगा, और इन्हें धार्मिक आस्था का केंद्र बनाने के लिए वहां बेहतर सुविधाएं भी प्रदान की जाएंगी। यादव ने उदाहरण के तौर पर चित्रकूट का नाम लिया, जहां भगवान राम ने 11 साल बिताए थे। उन्होंने कहा कि इस प्रकार के धार्मिक स्थलों को विकसित करना और उनका संरक्षण करना सरकार की प्राथमिकता होगी।

*धार्मिक पर्यटन का विकास*

सीएम यादव ने यह भी कहा कि प्रदेश में धार्मिक स्थलों के विकास के लिए सरकार लगातार काम कर रही है। नर्मदा नदी के किनारे स्थित नरसिंहगढ़ और महेश्वर जैसे महत्वपूर्ण स्थानों को भी धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहर के रूप में विकसित किया जाएगा। इसके साथ ही, देवी अहिल्याबाई की प्रेरणा से राज्य सरकार ने बाबा विश्वनाथ के प्रति श्रद्धा दिखाते हुए इस दिशा में कदम उठाए हैं।

*आर्थिक और सामाजिक विकास*

मुख्यमंत्री ने यह भी घोषणा की कि अगले पांच सालों में 2.70 लाख सरकारी पदों पर भर्ती की जाएगी, जिससे शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में सुधार होगा। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार अपने कर्मचारियों की भर्ती प्रक्रिया में पारदर्शिता बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है और इससे राज्य में विकास की गति तेज होगी।

*निष्कर्ष*

मध्य प्रदेश में शराबबंदी की घोषणा एक ऐतिहासिक कदम है, जो न केवल धार्मिक स्थलों के संरक्षण और विकास के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि समाज में नशाखोरी के खिलाफ भी एक मजबूत संदेश भेजता है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव का यह कदम राज्य के सामाजिक और सांस्कृतिक परिदृश्य को बदलने की दिशा में एक बड़ा कदम साबित हो सकता है। 1 अप्रैल 2025 से इन 17 धार्मिक स्थलों पर शराबबंदी लागू होने के बाद, इन स्थानों पर धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा, और समाज में शराब के नकारात्मक प्रभावों को समाप्त करने में मदद मिलेगी।

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