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राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने गुरुवार को सदन में एक महत्वपूर्ण घोषणा करते हुए कहा कि अब प्रश्न काल में विधायकों के प्रश्न और सरकार के जवाब सदन के पटल पर रखे जाने के बाद संज्ञान में माने जाएंगे। इस नई व्यवस्था के तहत प्रश्नों और उनके उत्तरों को सदन में पढ़ने की आवश्यकता नहीं होगी। लोकसभा और राज्यसभा की तर्ज पर चलेगा राजस्थान विधानसभा प्रश्नकालः विधानसभा अध्यक्ष देवनानी ने बताया कि इस प्रक्रिया को अपनाने से विधानसभा का कीमती समय बचाया जा सकेगा और विधायकों को पूरक प्रश्नों पर अधिक चर्चा करने का अवसर मिलेगा। उन्होंने कहा कि लोकसभा और राज्यसभा सहित अन्य राज्यों की विधानसभाओं में भी इसी प्रणाली का पालन किया जाता है, जिसमें पटल पर रखे गए प्रश्नों और उत्तरों को पढ़ने की आवश्यकता नहीं होती। पूरक प्रश्नों पर अधिक चर्चा का मिलेगा अवसरः विधानसभा अध्यक्ष देवनानी ने कहा कि इस नई व्यवस्था से विधायकों को संबंधित प्रश्नों पर पूरक प्रश्न पूछने और सरकार से स्पष्ट जवाब लेने का अवसर मिलेगा। इससे सदन की कार्यवाही अधिक प्रभावी और व्यवस्थित होगी। उन्होंने कहा कि यह निर्णय अन्य राज्यों की विधानसभाओं की प्रक्रिया और लोकसभा एवं राज्यसभा के नियमों को ध्यान में रखते हुए लिया गया है। महत्वपूर्ण समय का होगा अधिकतम उपयोगः विधानसभा अध्यक्ष देवनानी ने स्पष्ट किया कि यह कदम विधानसभा के महत्वपूर्ण समय के प्रत्येक पल का अधिकतम उपयोग सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है। इससे सदन में अधिक प्रश्नों पर चर्चा हो सकेगी और विधायकों को अपनी समस्याओं को उठाने का अधिक अवसर मिलेगा। सदन की कार्यवाही होगी अधिक प्रभावीः इस बदलाव से सदन की कार्यवाही को अधिक व्यवस्थित और उत्पादक बनाया जा सकेगा। विधायकों को पूरक प्रश्नों पर चर्चा का पर्याप्त अवसर मिलेगा और इससे विधानसभा में पारदर्शिता और जवाबदेही भी बढ़ेगी।