
पीलीभीत। पूरनपुर पुलिस ने विदेश भेजने के नाम पर नौजवानों से लाखों की ठगी करने वाले एक संगठित गिरोह का पर्दाफाश किया है। पुलिस ने इस गिरोह के सात सदस्यों को गिरफ्तार कर उनके पास से फर्जी शैक्षणिक प्रमाण पत्र, मोबाइल फोन, लैपटॉप और अन्य आपत्तिजनक दस्तावेज बरामद किए हैं। यह गिरोह कई वर्षों से युवाओं को विदेश भेजने के नाम पर ठगी कर रहा था। कम अंकों वाले छात्रों के लिए ये लोग फर्जी मार्कशीट और प्रमाण पत्र तैयार करते थे ताकि उन्हें आसानी से वीजा मिल सके।
इसके अलावा, गिरोह फर्जी ट्यूशन फीस जमा कराकर, नकली बैंक स्टेटमेंट और फिक्स्ड डिपॉजिट तैयार कर, छात्रों की प्रोफाइल को मजबूत दिखाने का काम करता था। गिरोह के सदस्य फर्जी दस्तावेज बनाने में तकनीकी साधनों का उपयोग कर रहे थे। गिरफ्तार आरोपियों के मोबाइल और लैपटॉप की जांच में कई डिजिटल प्रमाण मिले हैं, जिनमें व्हाट्सएप चैट, ईमेल और फर्जी सर्टिफिकेट की सॉफ्ट कॉपी शामिल हैं। कुछ आरोपियों ने गिरफ्तारी से पहले अपने डिवाइस से डेटा डिलीट करने की कोशिश भी की थी, जिसे फॉरेंसिक जांच के लिए भेजा गया है।
पुलिस अधीक्षक के निर्देशन में थाना पूरनपुर और माधोटांडा पुलिस ने मुखबिर की सूचना पर गिरोह के प्रमुख सदस्यों को धर दबोचा। पुलिस ने इनके पास से 07 मोबाइल फोन, 03 लैपटॉप, 60 से अधिक फर्जी अंकपत्र, एक कार और ₹4,500 नकद बरामद किए हैं।
गिरफ्तार किए गए अभियुक्तों में, मलकीत सिंह पुत्र जसपाल सिंह पीलीभीत, कुलवंत सिंह पुत्र दिलबाग सिंह पीलीभीत, हरसिमरन सिंह पुत्र रणधीर सिंह पीलीभीत, नरेंद्र पांडेय पुत्र दिनेश चंद्र पांडेय शाहजहाँपुर, सिमरनजीत सिंह पुत्र श्रवण सिंह शाहजहाँपुर, मलकीत सिंह पुत्र जसवंत सिंह बरेली, रविंद्र सिंह पुत्र रमेश सिंह पीलीभीत, गिरफ्तार अभियुक्तों से पूछताछ में कई अन्य नाम भी सामने आए हैं। जुपीटर प्लेनेट ओवरसीज और वेलिकन एडुप्रोज एंड इमीग्रेशन नामक संस्थानों के संचालकों की भूमिका भी संदिग्ध पाई गई है। पुलिस अब इन एजेंसियों के रिकॉर्ड खंगाल रही है।