
गिरफ्तारियाँ और पुलिस कार्रवाई: LUCC चिटफंड घोटाले में पुलिस की कार्रवाई लगातार तेज हो रही है।
मई 2025 में देहरादून पुलिस ने लखनऊ से एक मुख्य आरोपी को गिरफ्तार किया, जिसने करोड़ों की धोखाधड़ी की थी।
इसी महीने कोटद्वार पुलिस ने एक अन्य सरगना को भी लखनऊ से दबोचा।
मार्च 2025 में ललितपुर में LUCC के निदेशक, वाइस चेयरमैन और एक साझेदार को पुलिस ने गिरफ्तार किया।
संपत्ति जब्ती और कानूनी कार्रवाई:
अप्रैल 2025 में उत्तराखंड क्राइम ब्रांच-CID ने एक्शन लेते हुए पांच जिलों — देहरादून, पौड़ी, उत्तरकाशी, टिहरी और रुद्रप्रयाग — में केस दर्ज किए।
गढ़वाल और कुमाऊं कमिश्नरों को पत्र भेजकर आरोपियों की संपत्तियों की जानकारी मांगी गई और जब्ती/नीलामी की प्रक्रिया शुरू कर दी गई।
वहीं LUCC से जुड़े दस्तावेज इनकम टैक्स विभाग और प्रवर्तन निदेशालय (ED) को भी सौंपे गए हैं।
निवेशकों का आक्रोश:
अप्रैल 2025: कीर्तिनगर में महिलाओं ने दो घंटे तक हाईवे जाम कर प्रदर्शन किया।
कोटद्वार में निवेशक और अभिकर्ता सड़कों पर उतरे।
फरवरी 2025: रायबरेली में पीड़ितों ने कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन किया।
जनवरी 2025: बाराबंकी में निवेशकों ने पैसा वापसी के लिए अधिकारियों से गुहार लगाई।
घोटाले का विस्तार: LUCC ने देशभर के आठ राज्यों में लोगों को जल्दी पैसा दोगुना करने और आकर्षक ब्याज दर का झांसा देकर करोड़ों की ठगी की।
यह घोटाला भारत के सबसे बड़े चिटफंड घोटालों में गिना जा रहा है, जिसने सहकारी समितियों और वित्तीय संस्थानों की विश्वसनीयता पर सवाल खड़े कर दिए हैं।