
“मिलावट के जहरसे जनता को निजात मिल सकती है। क्या मिलावट के प्रती कोई नियम नही है। है तो अन्न तथा औषधी प्रशासन अपना सही दायित्व निभा रहे है !” 9 ऐसै कुछ आईल मिल,दालमिल,फरसान निर्माता,तथा बेकरी है !कुछ संस्थान मे सिर्फ मिलावट कर जीवनमर्रा की चीजे मार्केट मे उतारते है ! मीलावट का कोई प्रमाण नही है ! मल्टीनॅशनल कंपनी क्या बात करे वे हमारे कायदे कानून को कुछ हद तक जरुर मानते है!माणक नुसार प्रोडक्स बणाकर बेचते है ! पर क्या हमारे देशवासी जो एफ,ऐम,सि,जी का निर्माण करते है वे हमारे माणक को माणते है !किसान तो मिलावटी चिजे तो नही बेचता है। नही तो मार्केट मे मिलावटी चिजे आंती कहासे है ! क्या हम मिलावट को बंद कर ,हररोज दवाखाने का फालतु खर्च कम नही कर सकते,जीसके वजह से हमारे देश के आर्थिक सिस्टम पर बेहीसाब प्रभाव पड रहा है ! देश की सरकार ने हमे मुलभुत सुविधा के साथ साथ मिलावट से निजात देनी होगी ! आजकल एक आदमी जीतना कमाता नही होगा,उससे कही गुना हमे पैसा ऊधार लेकर,खेत,घर बेचकर दवाईयां, दवाखानेमे खर्चे करना पड रहा है।राज्य सरकारे,केंद्र सरकारने जनता,के तरफ विषेश ध्यान देकर फुड अँन्ड ड्रग को अधिक सक्रिय करने की,अमल करने की अधिक आज के दौर जरूरत आन पडी है ! ऐसी जनता से आवाज ऊठ रही है ! क्या जनता को मिलावट के जहर से निजात मिलेगी.!क्या अन्न,औषधी प्रशासन विभाग समयपर अपना दायित्व नाभायेंगे ! क्या मिलावटराम को जेल की हवा खाने पडे गी। क्या जनता के शरिर के साथ खिलवाड़ बंद होगा। सवाल जनता के बहोत सारे है। क्या सरकार स्वयंम समय पर संज्ञान लेकर अपना दायित्व निभायेंगी।