
सिद्धार्थनगर के इटवा तहसील क्षेत्र में आयोजित मुख्यमंत्री जन आरोग्य मेले में स्वास्थ्य व्यवस्था की कमियां उजागर हुईं।
इटवा और खुनियांव ब्लॉक के कुल 10 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में से 6 में फार्मासिस्ट को ही मरीजों का इलाज करना पड़ा।
मेले में कुल 328 मरीजों की जांच की गई, जिनमें खुनियांव ब्लॉक से 155 और इटवा क्षेत्र से 173 मरीज शामिल थे।सबसे अधिक भीड़ इटवा ब्लॉक के झकहिया प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में देखी गई, जहां होम्योपैथिक चिकित्सक डॉ. इतिका सिंह और फार्मासिस्ट गणेश प्रसाद दूबे ने 101 मरीजों का उपचार किया।
खुनियांव ब्लॉक की स्थिति और भी चिंताजनक रही, जहां 6 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में से केवल बढ़या पीएचसी में डॉ. देवव्रत मौजूद थे, जिन्होंने 33 मरीजों की जांच की।
शेष केंद्रों में फार्मासिस्ट ध्रुव चौधरी, प्रदीप उपाध्याय, डीबी राय और आलोक गुप्ता ने मरीजों को देखा। बल्लीजोत में 23, मिठौवा में 27, धोबहा में 31, पचमोहनी में 27 और मधवापुर कला में 15 मरीजों का उपचार किया गया।
बदलते मौसम में बीमारियों का प्रकोप बढ़ने के बावजूद चिकित्सकों की कमी स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता पर सवाल खड़े कर रही है।
डॉक्टरों की अनुपस्थिति में फार्मासिस्ट के भरोसे चल रही स्वास्थ्य सेवाएं गंभीर चिंता का विषय हैं।