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पावन पर्व महाकुम्भ दिलों को जोड़ने का भी संगम बना।
संगम में रविवार को डुबकी लगाकर अपने परिवार को वीडियो कॉल करता श्रद्धालु।
पावन पर्व महाकुम्भ दिलों को जोड़ने का भी संगम बना
पावन पर्व महाकुम्भ दिलों को जोड़ने का भी संगम बना
अरैल में स्नानार्थियों के लिए गंगा बनीं वरदान
महाकुम्भ नगर। महाकुम्भ के समापन से पहले अरैल में स्नान करने वालों को गंगा ने बड़ी राहत दी है। अरैल के किसी भी घाट पर डुबकी लगाने के लिए श्रद्धालुओं को पर्याप्त जल मिल रहा है। महाकुम्भ के दौरान गंगा के प्रवाह में निरंतर परिवर्तन से अरैल के घाटों पर राहत तो दशाश्वमेध घाट पर डुबकी लगाने वालों के लिए मुश्किल खड़ी हो गई है। गंगा का प्रवाह बदलने से दशाश्वमेध घाट से लेकर संगम नोज तक जल कम होने लगा था। संगम नोज पर बालू निकालकर गहराई बढ़ाई गई। इससे संगम नोज पर श्रद्धालुओं को स्नान के लिए जल मिलने लगा। संगम नोज की तरह दशाश्वमेध घाट पर भी बालू अधिक हो गई है।
मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने भी शुक्रवार को घाट से बालू हटाने का निर्देश दिया था।
महाकुम्भ के अंतिम स्नान पर्व महाशिवरात्रि से पहले दशाश्वमेध घाट से भी संगम नोज की तरह बालू हटाई जाएगी। इससे घाट पर गहराई बढ़गी तो श्रद्धालुओं को स्नान करने के लिए पर्याप्त जल मिलेगा। सिंचाई विभाग (बाढ़ प्रखंड) के अधिशासी अभियंता डीएन शुक्ला ने बताया कि अंतिम स्नान पर्व के दिन दशाश्वमेध घाट पर भी श्रद्धालुओं को पर्याप्त जल मिलेगा।
शुभम त्रिपाठी
जिला प्रमुख बांदा