
📰 वंदे भारत लाइव टीवी न्यूज़
📍 औरैया, उत्तर प्रदेश
🗓️ दिनांक: 11 अप्रैल 2025
✍️ रिपोर्ट: एलिक सिंह, संपादक
📞 मो.: 8217554083
कंधे पर बहन की लाश, दिल में सिस्टम का मातम: औरैया में मानवता शर्मसार
सरकार के दावों की पोल खोलती एक दर्दनाक तस्वीर सामने आई है। औरैया ज़िले में एक भाई को अपनी मृत बहन की लाश कंधे पर ढोनी पड़ी, क्योंकि न तो उसे एम्बुलेंस मिली, न ही प्रशासन से कोई मदद।
🚨 सिस्टम की संवेदनहीनता का जिंदा सुबूत
यह घटना औरैया के बिधूना क्षेत्र की बताई जा रही है। मृतका की तबीयत अचानक बिगड़ने के बाद उसे अस्पताल ले जाया गया, जहाँ डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। इसके बाद जब शव को घर ले जाने के लिए एम्बुलेंस की मांग की गई, तो घंटों इंतज़ार के बावजूद कोई सहायता नहीं मिली।
आख़िरकार भाई ने बहन की लाश को कंधे पर उठाया और पैदल ही घर के लिए निकल पड़ा। इस मंजर को देख राहगीरों की आंखें नम हो गईं, लेकिन प्रशासन ने नज़र फेर ली।
🗣️ जनता का आक्रोश
स्थानीय लोगों का कहना है कि—
“सरकार पोस्टरों और होर्डिंग्स में नज़र आती है, लेकिन ज़मीनी हकीकत इससे उलट है। अगर किसी गरीब के पास साधन नहीं है, तो उसे अपने परिजन की लाश भी खुद उठानी पड़ती है।”
📢 यह कैसा नया भारत?
सरकार ‘नए भारत’ के सपने दिखाती है, लेकिन जब ज़मीन पर लाशें खुद को ढोने को मजबूर हों, तो सवाल उठते हैं।
“यह नया भारत है — जहाँ लाशें भी अब खुद का इंतज़ाम करती हैं।”
“यह वह देश है, जहाँ इंसान से ज़्यादा अहमियत अब तस्वीरों और घोषणाओं को दी जाती है।”
🔍 प्रशासन क्या कर रहा है?
जिलाधिकारी और CMO से इस मामले पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है। वंदे भारत लाइव टीवी न्यूज़ प्रशासन से मांग करता है कि—
इस लापरवाही के लिए जिम्मेदार कर्मियों के विरुद्ध कार्रवाई की जाए
गरीबों के लिए शव वाहन की व्यवस्था को दुरुस्त किया जाए
आपातकालीन एम्बुलेंस सेवा को गंभीरता से लिया जाए
📌 इस खबर के माध्यम से हमारा सवाल साफ है—
क्या सरकार सिर्फ नारों में रह जाएगी? या ज़मीन पर भी किसी दिन इंसानियत दिखाई देगी?
✍️ रिपोर्ट: एलिक सिंह
संपादक — वंदे भारत लाइव टीवी न्यूज़
📞 संपर्क: 8217554083