
🟥 सहारनपुर पुलिस लाइन में खुलेआम मारपीट – कानून व्यवस्था पर गंभीर सवाल
महिला सहायता प्रकोष्ठ के बाहर दो पक्ष भिड़े – लात-घूंसे, गालियां और गला दबाने तक की घटना कैमरे में कैद
सहारनपुर | विशेष रिपोर्ट – एलिक सिंह
एक ओर उत्तर प्रदेश सरकार महिला सुरक्षा, घरेलू विवाद समाधान और न्यायिक पारदर्शिता के दावे करती है, वहीं दूसरी ओर सहारनपुर की पुलिस लाइन स्थित महिला सहायता प्रकोष्ठ में काउंसलिंग के दौरान दो पक्षों के बीच जमकर मारपीट ने कानून व्यवस्था की साख को गहरा झटका दिया है।
📍 थाने के सामने खुलेआम हिंसा
घटना महिला थाना परिसर में उस समय हुई जब दो पारिवारिक पक्ष काउंसलिंग के लिए आमने-सामने आए। मामूली कहासुनी अचानक हिंसक झगड़े में तब्दील हो गई, जिसमें लात-घूंसे, थप्पड़, गला दबाने और गालियों तक का खुला प्रदर्शन हुआ।
📹 वीडियो हुआ वायरल
घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है, जिसमें साफ दिख रहा है कि थाने के सामने ही दोनों पक्ष आपस में भिड़े हुए हैं और आसपास कोई पुलिसकर्मी तुरंत हस्तक्षेप करता नहीं दिखता।
इस वीडियो ने न सिर्फ पुलिस की मौजूदगी पर सवाल खड़े किए हैं, बल्कि यह भी स्पष्ट कर दिया कि यदि पुलिस लाइन में ऐसा हो सकता है, तो आम नागरिकों की सुरक्षा की स्थिति क्या होगी?
💬 सोशल मीडिया पर आक्रोश
जैसे ही वीडियो वायरल हुआ, लोगों की प्रतिक्रियाएं उग्र हो गईं। ट्विटर, फेसबुक और इंस्टाग्राम पर लोग यह पूछते नजर आए कि –
“जब महिला प्रकोष्ठ, यानी सबसे सुरक्षित माने जाने वाले थाने के बाहर ये हाल है, तो बाकी शहरों और गांवों का क्या हाल होगा?”
“पुलिस लाइन में ऐसा हो सकता है, तो आम जनता को कौन बचाएगा?”
❓ प्रशासन पर सवाल
यह घटना महिला सम्मान, कानून व्यवस्था और पुलिस की कार्यशैली तीनों पर गंभीर प्रश्नचिन्ह लगाती है।
अभी तक यह स्पष्ट नहीं है कि झगड़ा कर रहे दोनों पक्षों के खिलाफ कोई एफआईआर दर्ज हुई है या नहीं।
इस मामले में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक या महिला थानाध्यक्ष की ओर से कोई आधिकारिक बयान भी अभी तक नहीं आया है, जिससे स्थिति और भी असहज प्रतीत हो रही है।
🚨 क्या कहता है यह घटनाक्रम?
- पुलिस के सामने कानून का मखौल
- काउंसलिंग प्रक्रिया की गरिमा तार-तार
- पुलिस की निष्क्रियता और विफलता उजागर
- महिलाओं के लिए समर्पित स्थान पर असुरक्षा का भाव
👉 प्रशासन से अपेक्षा है कि इस घटना में दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की जाए और भविष्य में थानों के भीतर ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए सुरक्षा और निगरानी व्यवस्था सख्त की जाए।
🖋️ रिपोर्ट: एलिक सिंह
संपादक – वंदे भारत लाइव टीवी न्यूज़
उत्तर प्रदेश महामंत्री – भारतीय पत्रकार अधिकार परिषद
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