
प्रयागराज जंक्शन से जंघई होकर वाराणसी का सफर महाकुंभ मेले के पूर्व छोटा हो जाएगा। इस महत्वपूर्ण रेलमार्ग के बचे हुए दोहरीकरण और विद्युतीकरण के लिए रेलवे बोर्ड ने 270.35 करोड़ रुपये स्वीकृत किए हैं। 46 किमी लंबे प्रयागराज-जंघई रेलमार्ग का दोहरीकरण इसी वर्ष किए जाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। दोहरीकरण होने के बाद इस रूट से वाराणसी कम समय में पहुंचा जा सकेगा। प्रयागराज से फाफामऊ के बीच दोहरीकरण कार्य पहले ही किया जा चुका है।
प्रयागराज से वाराणसी के लिए कुल तीन रूट है। यह तीनों ही रेलमार्ग अलग-अलग तीन जोनल रेलवे के हैं। इसमें से प्रयागराज जंक्शन-प्रयागराज रामबाग-ज्ञानपुर रोड-वाराणसी, प्रयागराज जंक्शन-मिर्जापुर-चुनार-काशी-वाराणसी एवं तीसरा रेल मार्ग प्रयागराज जंक्शन-प्रयाग-फाफामऊ-जंघई-वाराणसी है। फाफामऊ-जंघई रेलमार्ग को छोड़ दिया जाए तो अन्य दोनों रेलमार्ग का रेलवे द्वारा दोहरीकरण एवं विद्युतीकरण किया जा चुका है। जंघई से वाराणसी तक के रेलमार्ग का पूर्व में विद्युतीकरण एवं दोहरीकरण हो चुका है।
प्रयागराज में लगने वाले महाकुंभ को देखते हुए रेलवे ने जंघई-फाफामऊ रेलमार्ग के दोहरीकरण एवं विद्युतीकरण कार्य को तेज करने के लिए 270.35 करोड़ रुपये का बजट जारी किया है। इस रेलमार्ग के दोहरीकरण और विद्युतीकरण होने के बाद संबंधित रूट पर चलने वाली ट्रेनों की जहां स्पीड बढ़ जाएगी तो वहीं प्रयागराज से वाराणसी पहुंचने में भी पहले के मुकाबले समय कम लगेगा। यह पूरा कार्य उत्तर रेलवे के लखनऊ मंडल की ओर से किया जा रहा है। लखनऊ मंडल की तैयारी है कि महाकुंभ 2025 के पूर्व यह कार्य पूरा हो जाए। ताकि इस रेलमार्ग पर भी ज्यादा से ज्यादा ट्रेनों का संचालन किया जा सके।