मुंबई में भीमराज यशवंत शिर्के के अथक प्रयास से कई लोगों का जीवन संवर रहा है। और उनके मंगल परिणय केंद्र का 24 वीं वर्षगांठ बड़े धूमधाम से मनाया गया।
राज्य महाराष्ट्र में मायानगरी कहे जाने वाली सपनों की नगरी राजधानी मुंबई शहर में भीमराज यशवंत शिर्के एक सामाजिक स्तर पर एक अनमोल रिश्ता में शादी के बन्धन में पति पत्नी के जोड़े को बांधकर कई बड़े से बड़े और छोटे से छोटे गरीबों का घर संवार दिए। जो सपने सिर्फ सपने होते है। उनको साकार कर दिखाए ,एक सच्ची मिशाल कायम किए। बहुत कठिनाइयों का सामना करते हैं। खुद को कभी कमजोर होने का मौका नही दिए। बल्कि जितनी भी कठिनाई आई उनके हौसले उतना ही बुलंद हुए।
मीनाक्षी विजय कुमार भारद्वाज/मुंबई। मुंबई में भीमराज यशवंत शिर्के के अथक प्रयास से कई लोगों का जीवन संवर रहा है। और उनके मंगल परिणय केंद्र का 24 वीं वर्षगांठ बड़े धूमधाम से मनाया गया।मुंबई/महाराष्ट्र : राज्य महाराष्ट्र में मायानगरी कहे जाने वाली सपनों की नगरी राजधानी मुंबई शहर में भीमराज यशवंत शिर्के एक सामाजिक स्तर पर एक अनमोल रिश्ता में शादी के बन्धन में पति पत्नी के जोड़े को बांधकर कई बड़े से बड़े और छोटे से छोटे गरीबों का घर संवार दिए। जो सपने सिर्फ सपने होते है। उनको साकार कर दिखाए ,एक सच्ची मिशाल कायम किए। बहुत कठिनाइयों का सामना करते हैं। खुद को कभी कमजोर होने का मौका नही दिए। बल्कि जितनी भी कठिनाई आई उनके हौसले उतना ही बुलंद हुए। उनके जीवन में बहुत उतार- चढ़ाव आए। लेकिन खुद को एक चट्टान की तरह खड़े आग के शोले पर चढ़कर जैसे कठिनाइयों का सामना करते हुए। आगे बढ़ते रहे है। और अपना एक शादी ब्यूरो खोले जिसका नाम मंगल परिणय केंद्र रखें और चौबीस साल से भीमराज शिर्के अपने अथक प्रयास से कई लोगों का जीवन संवार रहे है। कहा जाता है शादी जीवन एक महत्वपूर्ण पड़ाव है। तकनीकी उन्नति और बदलती परिस्थितियों, बदलती संस्कृति और बदलती मानसिकता के दौर में भीमराज यशवंत शिर्के द्वारा स्थापित मंगल परिणय केंद्र, सामाजिक प्रतिबद्धता को कायम रखते हुए, हर परिस्थितियों को चुनौती देते हुए, जमीनी स्तर से छू लेने ऊंचाइयों आसमान तक।अब मुंबई जैसे महानगर और उसके आस- पास के क्षेत्रों में अपना नाम का परचम लहरा रहे है। इस मंगल परिणय केंद्र का 24 वाँ वार्षिकोत्सव मुंबई में बड़े धूमधाम, उत्साह, उमंग, हर्षौल्लाहस से मनाया गया। पृथी पर हर कोई इंसान जीवन में एक अच्छा जीवन साथी चाहता है। माता- पिता और रिश्तेदार उनके सुखी जीवन के सपने को पूरा करने के लिए जी रहे है। कई बार लोगों को उच्च शिक्षा प्राप्त तथा नौकरी, व्यवसाय या अच्छे व्यवसायों में विशेषज्ञता प्राप्त करने के बाद भी कभी- कभी विवाह के लिए उपयुक्त जीवनसाथी ढूंढने में बड़ी कठिनाई का सामना करना पड़ता है। इससे न केवल माता-पिता का समय और पैसा बर्बाद होता है, बल्कि कभी- कभी यह दुःख और अवसाद का भी कारण बनता है। समय की आवश्यकता को पहचानते हुए, इन सभी समस्याओं के समाधान के रूप में सामाजिक कार्यकर्ता भीमराज यशवंत शिर्के ने 14 अप्रैल 2001, को अमृत नगर, खेरवाड़ी रोड, बांद्रा पूर्व में मंगल परिणय केंद्र (मंगल परिणय वधू- वर सूचक केंद्र) की स्थापना की। आज इस केंद्र ने अपनी कड़ी मेहनत और लगन से लोगों के साथ मिलजुलकर कार्य करने के वजह से केंद्र का कार्यभार बढ़ गया है। इस केंद्र के माध्यम से कई बड़े सरकारी और निम्न- सरकारी अधिकारियों, कर्मचारियों, डॉक्टरों, इंजीनियरों, वकीलों, प्रोफेसरों, सीए, और पेशेवरों के बहुत ही अच्छा काम किया है। अशिक्षित हो या सुशिक्षित, या उच्च शिक्षित सबके लिए मंगल परिणय केंद्र काम करते आया है। इस मंगल परिणय केंद्र के सभी लोग खुद के नियमों का सख्ती से पालन करते है और अच्छी सेवा देने का प्रयास भी करते है। अध्यक्षीय भाषण में केंद्र के निदेशक भीमराज यशवंत शिर्के ने वर्षगांठ के अवसर पर अपने विचार व्यक्त करते हुए भविष्य में अभी से भी अच्छा काम और ज्यादा लोगों के विवाह केंद्र के माध्यम से तय करने की और एक अच्छा लक्ष्य स्थापित करने कोशिश रहेगी।इस कार्यक्रम में सामाजिक एवं राजनीतिक क्षेत्र के कुछ गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।