
आगामी 9 जुलाई को होने वाली राष्ट्रव्यापी हड़ताल को रैयत विस्थापित मोर्चा एनके एरिया का समर्थन।।
केंद्र सरकार की नीतियों के खिलाफ खोला मोर्चा विस्थापित मजदूरों का शोषण अपने चरम पर
संवाददाता/राशीद अंसारी खलारी
खलार। आनेवाले 9 जुलाई 2025 को कोल इंडिया में प्रस्तावित राष्ट्रीय व्यापी हड़ताल को लेकर रैयत विस्थापित मोर्चा एनके एरिया के अध्यक्ष बिगन सिंह भोगता ने अपना खुला समर्थन दिया है। उन्होंने स्पष्ट कहा कि यह हड़ताल केवल मजदूर हितों के लिए ही नहीं बल्कि रैयतों और विस्थापितों के अस्तित्व और अधिकारों की लड़ाई के लिए भी है। भोगता ने केंद्र सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि “आज कोल इंडिया में रैयत विस्थापित मजदूरों का शोषण अपने चरम पर है। श्रमिक संगठनों के अधिकारों को छीनने की कोशिश की जा रही है। इससे सबसे ज्यादा नुकसान उन मूल रैयतों को होगा, जिन्होंने देश के विकास और ऊर्जा एवं जरूरतों के लिए अपनी जमीन बलिदान की है।”उन्होंने कहा कि आज भी एनके एरिया में बड़ी संख्या में रैयतों को क्वार्टर, पदोन्नति, मुआवजा और अन्य मूलभूत सुविधाएं नहीं मिल पाई हैं। कई रैयत परिवार कोयला खनन से उजड़े हुए हैं, लेकिन अब तक पुनर्वास से वंचित हैं।
बिगन भोगता ने केंद्र सरकार की नीतियों पर हमला बोलते हुए कहा,
“सरकार कोल इंडिया को निजी हाथों में बेचने की तैयारी कर चुकी है। अगर यह हुआ तो जल, जंगल, जमीन और रोजगार सब कुछ खतरे में आ जाएगा।”उन्होंने एनके एरिया के सभी आदिवासी रैयतों और विस्थापित मजदूरों से आह्वान करते हुए कहा कि
“अब समय आ गया है कि हम सब मिलकर एक साथ अपनी जमीन, अधिकार और सम्मान के लिए कमर कस लें। 9 जुलाई की हड़ताल में पूरे दमखम के साथ शामिल हों और अपनी एकता का परिचय दें।” इधर रैयत विस्थापित मोर्चा ने साफ कर दिया है कि आने वाले समय में संघर्ष और अधिक तेज होगा।