
रविवार को नगर में मुस्लिम समाज ने मोहर्रम पर्व की तीन तारीख को पौने छह बजे (असर की नमाज बाद) इमामबाड़े से पारंपरिक सवारियां निकाली गई। हाथीथान व तकिये स्थित इमामबाड़ों से बड़े साहब, छोटे साहब, बुर्राक, दुलदुल व अन्य सवारियां जुलूस के रुप में निकाली गई। इससे पुर्व समाजजनों द्वारा सवारियों पर हार चढ़ाकर फातिहा पढ़कर दुआ मांगी। जुलूस हाथीथान, अलावा, कालीसिंध नदी, बस स्टेण्ड, बजरंग चौराहा होते हुए चमन बाजार स्थित ईदगाह के समीप
एहले इस्लाम पंचायत के स्वामित्व की दुकान में बड़े साहब, बुर्राक की स्थापना जाकिर हुसैन झड़ा चौक के सामने स्थित मकान में स्थापित व छोटे साहब को भी चमन बाजार में स्थापित किया गया है। वहीं पुराना नप भवन के समीप दुलदुल साहब को रखकर ईमामबाड़ा तौड़ा पर पहुंचा। जहां पर तौड़े वाले बड़े साहब की सवारी रखने के बाद पुनः हाथीथान चौक मे पहुंच कर समाप्त हुआ। जुलूस में पारंपरिक धपाड़ो के साथ बैंड शामिल था। युवा अपने हाथों मे अलम लहराते हुए नारे तकबीर अल्लाह हो अकबर, या हुसैन आदि नारे लगा करते थे।